
डबलिन (कुद्स न्यूज नेटवर्क): आयरलैंड ने आधिकारिक रूप से दक्षिण अफ्रीका के गाजा नरसंहार मामले में इजराइल के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में शामिल होने की घोषणा की है। गत दिवस इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार, आयरलैंड ने संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च न्यायिक निकाय में हस्तक्षेप करने की अपनी योजना का ऐलान किया था।
आयरलैंड ने न्यायालय के नियमों के तहत 63वीं धारा का हवाला देते हुए गाजा पट्टी में नरसंहार की रोकथाम और सजा के संबंध में कन्वेंशन के अनुप्रयोग के मामले में हस्तक्षेप करने का अपना संकल्प न्यायालय में दाखिल किया।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका ने दिसंबर 2023 में ICJ में यह मामला दर्ज किया था, जिसमें इजराइल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया गया था। इजराइल ने इन आरोपों को कड़ी निंदा करते हुए दक्षिण अफ्रीका के मामले को “न्यायालय का घिनौना और अपमानजनक शोषण” बताया था।
2024 की शुरुआत में न्यायालय ने इजराइल को गाजा में अपनी हमलों पर संयम बरतने का आदेश दिया था और मई में इसे राफा शहर में सैन्य हमले को तुरंत रोकने का निर्देश दिया था।
संयुक्त राष्ट्र के तहत, अगर कोई देश 1948 के कन्वेंशन का हिस्सा है, तो उसे मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति है। ICJ ने कहा कि आयरलैंड ने सोमवार को निकारागुआ, कोलंबिया, मेक्सिको, लीबिया, बोलीविया, तुर्की, मालदीव, चिली, स्पेन और फिलिस्तीन राज्य के साथ मिलकर इस मामले में हस्तक्षेप की याचिका दायर की है।
आयरलैंड के इस कदम की लंबे समय से उम्मीद की जा रही थी। दिसंबर 2024 में, सरकार ने इस मामले में अपने तर्क को दाखिल करने की योजना को मंजूरी दी थी। आयरलैंड के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री, मिशेल मार्टिन ने कहा था कि यह याचिका जल्द ही द हेग में न्यायालय में दायर की जाएगी।
मार्टिन ने दिसंबर में कहा था, “गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों के के कारण फिलिस्तीनी लोगों को सामूहिक सजा का सामना करना पड़ा है, जिसमें 44,000 लोगों की मौत हो गई और लाखों नागरिक बेघर हो गए हैं।”
आयरलैंड का यह कदम फिलिस्तीन के लिये उसके लंबे समय से जारी समर्थन को दर्शाता है, जो आंशिक रूप से ब्रिटिश उपनिवेशवाद के साझा इतिहास से जुड़ा हुआ है। आयरलैंड और इजराइल के बीच संबंध दिसंबर में उस समय निचले स्तर पर पहुंचे जब इजराइल ने डबलिन में अपने दूतावास को बंद करने की घोषणा की, जिसमें उसने आयरिश सरकार की “इजराइल विरोधी नीतियों” का हवाला दिया।
इजरायल ने यह कदम तब उठाया गया था जब आयरलैंड ने मई में फिलिस्तीन राज्य को मान्यता दी और दिसंबर में घोषणा की कि वह ICJ में दक्षिण अफ्रीका के नरसंहार मामले में औपचारिक रूप से हस्तक्षेप करेगा।
आयरलैंड के प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने इजराइल के इस निर्णय की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “यह नेतन्याहू सरकार का एक गहरे खेदजनक निर्णय है।”