
नई दिल्ली: 2025 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि सैय्यद ताहिर अली ने मोदी सरकार की नीतियों पर तीखी आलोचना की। उन्होंने इस बजट को लेकर मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि “नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली”, जो पूरी तरह से इस बजट की स्थिति को दर्शाता है। ताहिर अली का कहना था कि पिछले दस वर्षों में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास से ₹54.18 लाख करोड़ का इनकम टैक्स वसूला है, और अब जो ₹12 लाख तक की छूट दी जा रही है, वह वित्त मंत्री के अनुसार साल भर में केवल ₹80,000 की बचत कराएगी, यानी हर महीने ₹6,666 ही बचत होगी।
उनका आरोप है कि पूरे देश में महँगाई और बेरोज़गारी की समस्या गहराती जा रही है, लेकिन मोदी सरकार अपनी झूठी तारीफों में बिजी है। ताहिर अली ने यह भी कहा कि इस बजट में जो घोषणाएँ की गई हैं, वे सिर्फ कागज़ी थीं और असल में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ। उन्होंने मेक इन इंडिया को राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन बना देने की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक और दिखावा है, और बाकी सभी घोषणाएं भी महज शब्दों तक सीमित हैं।
युवाओं के लिए बजट में कोई ठोस योजना न होने पर भी ताहिर अली ने सवाल उठाए और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बड़े कदम उठाने का वादा किया था, वह भी इस बजट में कहीं नहीं दिखाई दिया। उन्होंने किसानों के लिए भी सरकार की योजनाओं की कमी पर निराशा जताई और कहा कि खेती के सामान पर GST दर में कोई रियायत नहीं दी गई, और किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई रोड मैप प्रस्तुत नहीं किया गया।
इसके अलावा, ताहिर अली ने दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, गरीब और अल्पसंख्यक बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और स्कॉलरशिप के लिए कोई योजना न होने का भी विरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस सुधार कदम नहीं उठाए गए हैं, और गरीब की आय बढ़ाने के लिए भी बजट में कोई योजना नहीं दी गई।
आसमान छूती महँगाई के बावजूद मनरेगा का बजट पहले जैसा ही बनाए रखने और श्रमिकों के लिए कोई आय वृद्धि योजना न होने की आलोचना करते हुए ताहिर अली ने कहा कि जीएसटी के विभिन्न दरों में भी कोई सुधार की बात नहीं की गई है। अंत में, उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ मोदी सरकार द्वारा लोगों की आँखों में धूल झोंकने का प्रयास है, और असल में यह किसी भी गंभीर समस्या का समाधान नहीं पेश करता।