
अंसार समाज और मुसलमानों की सबसे बड़ी संपत्ति मोमिन ईदगाह गोहलपुर में मंगल के दिन उस वक्त हंगामा शुरु हो गया. जब नई कमेटी, 90 साल से चली आ रही ईदगाह कमेटी से चार्ज लेने पुलिस के साथ पहुंची. जिसके बाद यहां क्षेत्रीय जनों हुजूम उमड़ना शुरु हो गया और इस कार्यवाही को गुंडागर्दी करार देते हुये नारेबाजी शुरु हो गई. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि सत्ता का दुरुपयोग करके, गलत तरीके से समाज के हाथ से मोमिन ईदगाह छीनी जा रही है.
क्षेत्रीय जनों का आरोप है नेताओं के संरक्षण में नजायज तरीके से 90 साल से चली आ रही कमेटी को अचानक पूरी तरह से बदल दिया गया है. उनका आरोप है कि यह ईदगाह गोहलपुर मुख्य मार्ग पर स्थित करोड़ों संपत्ति को हड़पने की साजिश का पहला कदम है. क्षेत्रीय जनों का कहना है जिन लोगों को ईदगाह जबरदस्ती दी जा रही है वे सभी एक पार्टी विशेष के कार्यकर्ता हैं, किसी को शिक्षा, समाज या मजहब के क्षेत्र से कोई लेना देना नहीं है. जो किसी साजिश की तरफ इशारा करता है.

वक्फ बोर्ड द्वारा गठित नई कमेटी के अध्यक्ष राशिद अली का कहना है कि उन्हें वक्फ बोर्ड ने मोमिन ईदगाह की जिम्मेदारी दी है. लेकिन पुरानी कमेटी चार्ज देने तैयार नहीं है. पुरानी कमेटी लोगों को गुमराह करके समाज में फसाद फैला रही है और उन्हें उनकी जिम्मेदारी अदा करने से गैरनकानूनी तरीके से रोक रही है. राशिद ने कहा, मंगलवार को हम तहसीलदार, पटवरी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ विधिवत चार्ज लेने पहुंचे, तो झूठी अफवाह उड़ाकर माहौल खराब कर दिया गया. हमें चार्ज नहीं लेने दिया गया. राशिद का आरोप है कि पुरानी कमेटी के सदस्य अपना भ्रष्टाचार छुपाने के गैरकानूनी हतकंडे अपना रहे हैं. हम कानूनी तरीके से उन्हें जवाब देंगे.
गौरतलब है कि साल 1938 में मोमिन ईदगाह बनी थी, तब से उसकी बागडोर मुकामी कमेटी के हाथ में हैं, साल दर साल क्षेत्रीय लोगों की राय से नये लोग मेंबर कमेटी में जुड़ते गये. 90 साल से एक ही कमेटी चल रही है. समय के साथ लोग गुजरते गये और नये लोग कमेटी का हिस्सा बनते गये. विगत दो माह पूर्व वक्फ बोर्ड ने ईदगाह की जो नई कमेटी गठित की वो पूरी तरह से नई कमेटी थी. जिसके बाद यहां विवाद की स्थिति बनी हुई है.

घंटों चले हंगामे के बाद गोहलपुर ईदगाह का चार्ज लेने की कार्यवाही आगे की तारीख में टाल दी गई. अब दोनों पक्ष अपने अपने अगले कदम की तैयारियों में जुटे हुये हैं. माना जा रहा है ईदगाह का विवाद अब तूल पकड़ सकता है.

