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जबलपुर: जबलपुर शहर में बढ़ते ई-ऑटो रिक्शा के संचालन और इससे जुड़ी ट्रैफिक समस्याओं को देखते हुए, ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने एक नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, अब शहर और देहात में चलने वाले ई-ऑटो रिक्शा के लिए परमिट प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, इन रिक्शा की पहचान और संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए ट्रैफिक थानों के आधार पर कलर कोडिंग भी लागू की जाएगी।
जबलपुर में पिछले कुछ वर्षों में ई-ऑटो रिक्शा की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है। सड़क पर बढ़ते यातायात और अक्सर जाम की स्थिति के कारण नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं का समाधान ढूंढते हुए, ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग ने मिलकर यह नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।
8,000 ई-रिक्शा का पंजीयन
आरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जबलपुर में अब तक कुल 8,000 ई-ऑटो रिक्शा का पंजीकरण किया जा चुका है। इन पंजीकृत ई-ऑटो रिक्शा को शहर के तीन प्रमुख ट्रैफिक थानों — गढ़ा, घमापुर और मालवीय चौक — के तहत बांटा जाएगा। इस विभाजन के तहत, इन रिक्शा संचालकों को अब संबंधित थानों से परमिट प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
कलर कोडिंग से मिलेगी पहचान
आरटीओ अधिकारी जितेन्द्र रघुवंशी के अनुसार, ई-रिक्शा के सुचारू संचालन के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा इन तीनों थानों में कलर कोडिंग की जाएगी। प्रत्येक क्षेत्र के रिक्शा का एक निश्चित रंग होगा, जिससे उनकी पहचान और संचालन में आसानी होगी। इस प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि रिक्शा निर्धारित क्षेत्र में ही संचालित हों और ट्रैफिक व्यवस्था पर नियंत्रण रखा जा सके।
परमिट प्राप्त करने की प्रक्रिया
नई व्यवस्था के तहत, ई-रिक्शा संचालकों को परमिट प्राप्त करने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे। इनमें वाहन का पंजीयन प्रमाणपत्र, फिटनेस प्रमाणपत्र, बीमा और 200 रुपये का आवेदन शुल्क शामिल हैं। इन दस्तावेजों के साथ ई-रिक्शा संचालक आरटीओ कार्यालय में आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद, उन्हें एक अनुज्ञा पत्र (परमिट) जारी किया जाएगा, जो उनके ई-रिक्शा को वैध रूप से संचालन की अनुमति देगा।
ट्रैफिक और सुरक्षा में सुधार की उम्मीद
इस नए नियम के लागू होने से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। इसके साथ ही, ई-रिक्शा संचालकों के लिए एक कानूनी और सुव्यवस्थित ढांचा तैयार होगा। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि ई-रिक्शा केवल निर्धारित मार्गों पर ही चलें और संचालन में कोई अव्यवस्था न हो। साथ ही, परमिट प्रक्रिया के जरिए शहर में चलने वाले ई-रिक्शा की स्थिति और उनकी वैधता की निगरानी भी की जा सकेगी, जिससे सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण को बढ़ावा मिलेगा।
संचालकों को मिलेगा प्रशिक्षण और सहयोग
आरटीओ कार्यालय द्वारा ई-रिक्शा संचालकों को समय रहते आवश्यक जानकारी दी जा रही है, ताकि वे सही समय पर दस्तावेज़ जमा कर सकें और परमिट प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, ई-रिक्शा संचालकों को प्रशिक्षण और अन्य प्रकार का सहयोग भी प्रदान किया जाएगा, ताकि वे नई व्यवस्था के तहत अपनी सेवाएं सही तरीके से प्रदान कर सकें।
इस नई व्यवस्था के लागू होने से, जबलपुर शहर में ई-रिक्शा संचालन के मामले में बेहतर व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे शहर के नागरिकों को राहत मिल सकेगी।