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गाजा में सब बेघर, खेत खलीहान खत्म, जो बमों से बचे वो भूख से मर रहे

जेनेवा। गाजा में हमास और इजराइल की जंग जारी है इसमें इजराइली हमलों में हजारों बेगुनाह लोग मारे जा चुके हैं और कई घायल हुए हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा के 90 फीसदी लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं, इनमें लाखों लोग तो कई बार विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ऑफिस ने कहा कि इजरायली सेना ने रविवार और सोमवार को गाजा में 19 शिविरों में रहने वाले हजारों लोगों को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है। मीडिया रिपोर्ट में बताया कि रविवार को कुछ लोगों को पश्चिमी गाजा शहर में खाली करने का आदेश दिया था, जबकि सोमवार को डेर अल बलाह शिविर को खाली करने का निर्देश दिया गया है।

बताया जा रहा है सीधे तौर पर प्रभावित दो क्षेत्रों में 13 स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं, जो हाल में चालू हुई थीं, जिनमें दो अस्पताल, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नौ चिकित्सा केंद्र हैं। गाजा में 36 में से 13 अस्पताल केवल आंशिक रूप से चालू हैं। यूएन ने कहा कि गाजा में हर दस में से नौ लोगों के विस्थापित होने का अनुमान है, विस्थापन की नई लहरें मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित कर रही हैं, जो पहले भी कई बार विस्थापित हो चुके हैं। उन्हें बार-बार अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गाजा में लोग पानी के लिए घंटों कतार में खड़े रहते हैं।

उत्तरी गाजा में, आंतरिक रूप से विस्थापित 80000  लोगों के लिए शिविर भी नहीं है, इन्हें जून के अंत में यहां आने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई लोग ठोस कचरे और मलबे के बीच सोते मिले, उनके पास गद्दे या कपड़े भी नहीं थे, और कुछ ने आंशिक रूप से नष्ट हो चुकी संयुक्त राष्ट्र सुविधाओं और आवासीय भवनों में आश्रय ले रखा था। यहां मानवीय कार्यों को जारी रखने के लिए ईंधन और दूसरी चीजों की बहुत कमी है, साथ ही गर्मी के कारण आपूर्ति नहीं होने और संक्रमण का जोखिम भी बढ़ गया है।

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गाजा में १८ बेकरी में से केवल सात चालू हैं, छह बेकरी को ईंधन की कमी के कारण बंद कर दिया गया है। खाना पकाने की गैस और खाद्य आपूर्ति की कमी के चलते सामुदायिक रसोई भी काम करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। यहां पका हुआ भोजन मिलना मुश्किल है। विस्थापित परिवार खाना पकाने के लिए फर्नीचर और कचरे से लकड़ी और प्लास्टिक जला रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य जोखिम और पर्यावरणीय खतरे बढ़ रहे हैं।

राहत पहुंचाने वाली एक एजेंसी ने कहा कि वे गेहूं का आटा और डिब्बाबंद भोजन वितरित कर रहे हैं लेकिन एरेज़ वेस्ट क्रॉसिंग बंद होने से अब इसमें बाधा आ रही है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन और संयुक्त राष्ट्र उपग्रह केंद्र द्वारा किए गए एक संयुक्त आकलन में अनुमान लगाया गया है कि गाजा की करीब 57 फीसदी कृषि भूमि और उसके एक तिहाई ग्रीनहाउस नष्ट हो गए हैं। बाजार में मांस और मुर्गी जैसे भोजन की कमी है, स्थानीय रूप से उत्पादित कुछ सब्जियां ही उपलब्ध हैं।

खान यूनिस स्कूल पर हमला, 25 फिलिस्तीनियों की मौत

दक्षिणी गाजा पट्टी के खान यूनिस शहर में एक स्कूल पर किए गए इजरायली हवाई हमले में कम से कम २५ फिलिस्तीनी मारे गए और कुछ अन्य घायल हो गए। दरअसल स्कूल के कैंपस में टेंट लगाकर कुछ लोग रह रहे थे जब इजरायल ने हमला किया। सुरक्षा सूत्रों ने यहां की एक समाचार एजेंसी को बताया कि इजरायली विमानों ने मिसाइल से अल-अवदा स्कूल के गेट को निशाना बनाया। खान यूनिस के पूर्व में अबासन अल-कबीरा शहर में सैकड़ों विस्थापित लोग रह रहे हैं। एजेंसी ने बताया कि फिलिस्तीनी कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर साझा किए गए वीडियो में दर्जनों शव खून से लथपथ जमीन पर पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि इजरायली हवाई हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम २५ लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए। सूत्रों ने समाचार एंजेंसी को बताया कि क्षेत्र में विस्थापित लोगों की अधिक भीड़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है। इस घटना के बारे में इजरायली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। यह हमला पिछले चार दिनों में गाजा में शेल्टर के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे स्कूल भवन पर किया गया चौथा इजरायली हमला है और यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इजरायल ने खान यूनिस और गाजा शहर के कुछ हिस्सों को खाली करने के नए आदेश जारी किए हैं। इसके कारण हजारों लोगों को यहां से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है और तीन प्रमुख अस्पतालों को बंद करना पड़ा है।

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