
जबलपुर (ईएमएस)। आईपीएल सीज़न के बीच जबलपुर में क्रिकेट सट्टे का बड़ा खुलासा हुआ है। जिले में पहली बार सट्टा एक्ट के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने बीती रात माढ़ोताल थाना क्षेत्र के कटंगी-पाटन लिंक रोड स्थित एक मकान में दबिश देकर तीन सटोरियों को रंगेहाथ पकड़ा। आरोपी शुभ-लाभ एप्लिकेशन के जरिए हर गेंद, हर रन और हर विकेट पर सट्टा लगवा रहे थे।
दबिश में मिले सट्टे के पुख्ता सबूत
क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी शैलेष मिश्रा के मुताबिक, टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कटंगी-पाटन लिंक रोड स्थित एक मकान में बड़े पैमाने पर ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा संचालित किया जा रहा है। सूचना के आधार पर टीम ने देर रात कार्रवाई करते हुए मकान पर छापा मारा। टीम ने पड़ोसी की छत के रास्ते ऊपर वाले कमरे में पहुंचकर तीन सटोरियों को रंगे हाथों सट्टा लिखते हुए गिरफ्तार किया।
आरोपी और बरामद सामग्री
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
- निखिल उर्फ निक्की जैन (29) – निवासी तिलक भूमि तलैया, बड़ा फुहारा, कोतवाली
- राकेश जैन (56) – निवासी कोतवाली क्षेत्र
- आनंद जैन (49) – निवासी सराफा दरहाई, कोतवाली
पुलिस ने आरोपियों के पास से ₹33,500 नगद, 8 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, और सट्टे का पूरा हिसाब-किताब लिखा रजिस्टर बरामद किया है।
मोबाइल नंबरों में हेराफेरी, IT एक्ट की भी कार्रवाई
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी राकेश जैन द्वारा उपयोग किए जा रहे मोबाइल नंबर गलत नामों पर रजिस्टर्ड थे। सायबर सेल की मदद से जब इन नंबरों की पुष्टि कराई गई, तो नाम और आईडी मिलान नहीं हुए। इस आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66(सी) के तहत भी मामला दर्ज किया है।
दर्ज की गई धाराएं
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 4, 4(क) सट्टा अधिनियम, और आईटी एक्ट की धारा 66(सी) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। यह जबलपुर जिले में पहला ऐसा मामला है, जिसमें सट्टा एक्ट के साथ-साथ आईटी अधिनियम को भी शामिल किया गया है।
कार्रवाई में शामिल टीम
इस कार्रवाई में एसआई चंद्रकांत झा, एएसआई धनंजय सिंह, प्रधान आरक्षक राजेश मिश्रा, अमित पटेल, आरक्षक त्रिलोक पादरी और राजेश म्हात्रे ने मुख्य भूमिका निभाई।
जबलपुर पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई ने क्रिकेट सट्टा के खिलाफ अभियान को नई दिशा दी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि शुभ-लाभ एप से जुड़ा यह नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है।