भारत कपड़ा उद्योग : भारत बना दुनिया का भरोसेमंद कपड़ा सप्लायर: अमेरिकी कंपनियों की पहली पसंद
भारत कपड़ा उद्योग : भारत ने कपड़ा निर्माण के क्षेत्र में खुद को एक भरोसेमंद देश के रूप में स्थापित किया है। अमेरिकी कंपनियाँ भारत के राजनीतिक माहौल को स्थिर मानकर यहाँ से वस्त्र आयात करना सुविधाजनक समझती हैं। वर्तमान में भारत से अमेरिका में सबसे अधिक कॉटन के कपड़े निर्यात किए जा रहे हैं। हालांकि, बढ़ती मजदूरी लागत, छोटे कारखानों और महंगे परिवहन के कारण चुनौतियाँ भी हैं। इसी बीच बांग्लादेश के गारमेंट सेक्टर में बढ़ती अस्थिरता ने भारत को अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर प्रदान किया है।
भारत को मिला चीन से कम हुए अमेरिकी आयात का फायदा
अमेरिका के एक बड़े संस्थान यूएसआईटीसी (यूएस इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन से अमेरिका के लिए कपड़ों का निर्यात घटा है, जिससे भारत और वियतनाम जैसे देशों को लाभ मिला है। अमेरिका अब चीन के बजाय भारत को कपड़ों के सप्लायर के रूप में प्राथमिकता दे रहा है। बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण अमेरिकी कंपनियाँ भारत की तरफ ध्यान दे रही हैं, क्योंकि वे इसे एक स्थिर और भरोसेमंद सप्लायर मानती हैं।
भारत कपड़ा उद्योग : अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भारत का बढ़ता हिस्सा
यूएसआईटीसी के अनुसार, 2013 में अमेरिका द्वारा आयात किए जाने वाले कुल कपड़ों में से 37.7% हिस्सा चीन से आता था, जो 2023 में घटकर 21.3% रह गया है। वहीं भारत का कपड़ा निर्यात का हिस्सा 4% से बढ़कर 5.8% हो गया है। पिछले साल भारत ने अमेरिका को 4.6 अरब डॉलर के कपड़े निर्यात किए, जिससे अमेरिका भारतीय कपड़ों का सबसे बड़ा आयातक बन गया है। हालांकि, वियतनाम ने पिछले एक दशक में 10% से बढ़कर 17.8% का हिस्सा हासिल कर लिया है, जो इस समय सबसे अधिक लाभान्वित हुआ है।
भारत का कपड़ा उद्योग: गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता में अग्रणी
यूएसआईटीसी की रिपोर्ट बताती है कि भारत कॉटन के कपड़ों के मामले में विशेष रूप से आगे है। भारत में धागे से लेकर कपड़ा बनाने तक की पूरी प्रक्रिया उपलब्ध होने के कारण, यहाँ की कंपनियाँ अमेरिकी बाजार के लिए एक भरोसेमंद विकल्प मानी जाती हैं। भारत से निर्यात किए जाने वाले कपड़ों का एक तिहाई हिस्सा अमेरिका जाता है, जिससे वह अमेरिका को कपड़े सप्लाई करने वाला दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है।
भविष्य की चुनौतियाँ और भारत का संभावित विस्तार
हालांकि, भारतीय कपड़ा उद्योग को मजदूरी लागत, उत्पादन क्षमता और मैन्यूफैक्चर्ड फाइबर से बने उत्पादों में बेहतर तकनीकी विकास की जरूरत है। इन चुनौतियों से निपटकर भारत अपने निर्यात को और बढ़ा सकता है। बदलते वैश्विक व्यापार परिदृश्य में भारतीय परिधान उद्योग अपनी प्रतिष्ठा और बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।