Jabalpur

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की सुरक्षा पर सवाल: कुलगुरु की चिंता

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) के कुलगुरु ने हाल ही में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है। जब विश्वविद्यालय के प्रमुख खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे, तो छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। हाल में, देवेंद्र छात्रावास के छात्रों ने बिजली आपूर्ति बाधित होने पर कुलगुरु के बंगले की ओर रुख किया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से वहां कोई सुरक्षा कर्मी या चौकीदार मौजूद नहीं था।

सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही

इस घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और बंगले पर तैनात दो चौकीदारों को बर्खास्त कर दिया। यह घटना दर्शाती है कि सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कर्मचारी कई अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। विश्वविद्यालय के कैंपस की सुरक्षा के लिए 85 से अधिक दिहाड़ी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है, लेकिन यह संख्या सामान्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल साबित हो रही है। कई बार इन सुरक्षा कर्मचारियों की लापरवाही की शिकायतें प्रशासन तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

निजी सुरक्षा कंपनी की नियुक्ति में देरी

सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक निजी सुरक्षा कंपनी के गार्डों की तैनाती के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, टेंडर आने के बावजूद, उन्हें खोलने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है। यह स्थिति गंभीर सवाल उठाती है कि जब कुलगुरु अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, तो सुरक्षा गार्डों की तैनाती का मामला क्यों ठंडे बस्ते में है।

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इन सभी घटनाओं ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर चिंताएँ खड़ी कर दी हैं। कुलगुरु की बढ़ती चिंता और हाल के घटनाक्रम स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि रादुविवि में सुरक्षा के सुधार की अत्यंत आवश्यकता है। यदि स्थिति इसी तरह चलती रही, तो किसी भी दिन बड़ा हादसा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि सभी को सुरक्षित और संरक्षित महसूस हो सके।

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