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Baz Health : बिना चोट लगे अगर शरीर पर नीले-भूरे धब्बे दिखें… हो सकता है ब्लड कैंसर का खतरनाक संकेत!

Baz Health। ब्लड कैंसर केवल खून और बोन मैरो को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इसके शुरुआती संकेत अक्सर हमारी त्वचा पर भी दिखाई देने लगते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो रोग की जांच और उपचार जल्दी शुरू हो सकता है, जिससे मरीज की जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है।

प्लेटलेट्स की कमी और नीले-भूरे निशान

ब्लड कैंसर की स्थिति में शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। प्लेटलेट्स खून को जमाने और ब्लीडिंग रोकने का काम करते हैं। जब इनकी कमी होती है तो छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं (ब्लड वेसल्स) आसानी से फट जाती हैं और खून त्वचा के नीचे जमने लगता है। इसकी वजह से बिना किसी चोट के त्वचा पर नीले, बैंगनी या काले रंग के निशान दिखाई देने लगते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक गंभीर चेतावनी है, जिसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

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पैरों पर धब्बे और लगातार खुजली

त्वचा पर लाल, भूरे या बैंगनी रंग के धब्बे भी ब्लड कैंसर का संकेत हो सकते हैं। खास बात यह है कि इन्हें दबाने पर रंग फीका नहीं पड़ता। ये धब्बे ज्यादातर पैरों पर दिखाई देते हैं और प्लेटलेट्स की कमी का साफ़ लक्षण माने जाते हैं।
कुछ मरीजों में लगातार खुजली भी पाई जाती है। खासकर हॉजकिन लिंफोमा जैसे ब्लड कैंसर में कैंसर सेल्स से निकले साइटोकाइन्स नामक केमिकल्स त्वचा में जलन और खुजली पैदा करते हैं। अगर बिना किसी दाने या रैश के लंबे समय तक खुजली हो रही है, तो यह भी खतरनाक संकेत हो सकता है।

त्वचा और आंखों का पीला पड़ना

ब्लड कैंसर के कुछ मरीजों में त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लगता है। इसका कारण है कि कैंसर सेल्स रेड ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं या लीवर प्रभावित होता है, जिससे शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है और पीलिया जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

रैशेज और घाव जैसे लक्षण

कई बार ब्लड कैंसर मरीजों की त्वचा पर रैशेज भी दिखाई देते हैं। ये लाल, गुलाबी या बैंगनी रंग के सपाट या उभरे हुए धब्बों के रूप में हो सकते हैं। कुछ मामलों में कैंसर सेल्स सीधे त्वचा में जमा हो जाते हैं और घाव जैसी स्थिति बना देते हैं।
ऐसे रैशेज सामान्य दवाओं या क्रीम से ठीक नहीं होते और धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं।

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विशेषज्ञों की सलाह

डॉक्टरों का कहना है कि त्वचा केवल शरीर की सुंदरता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमारी सेहत का आईना है। शरीर के भीतर की गड़बड़ियां अक्सर त्वचा पर नजर आ जाती हैं। लेकिन समस्या यह है कि लोग इन्हें सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं।
हालांकि हर बार ऐसे लक्षणों का मतलब कैंसर नहीं होता, लेकिन अगर ये लंबे समय तक बने रहें या बार-बार दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। समय रहते जांच और इलाज से ब्लड कैंसर को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

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