अवारा लड़कों की हरकत से बिगड़ता माहौल, रास्ता बदलने मजबूर महिलाएं, दुकानदार परेशान

मीना बाजार, जबलपुर। चंद मुटठीभर आवारा लड़कों के चलते आज बहुत सी महिलाएं मीना बाजार से दूरी बना रही हैं। गरीब दुकानदारों और छोटे कारोबारियों का सामान नहीं बिक पा रहा है। मीना बाजार की तारीखी अहमियत पर सवालिया निशान लग रहा है।
आज अगर मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई। इन चंद आवारा असामाजिक तत्वों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो इससे जबलपुर के मुस्लिम समाज के रोजगार कारोबार और विरासत सबको नुकसान होगा। इस दिशा में पुलिस प्रशासन, दुकानदार और समाज तीनों को फिक्रमंद होने की जरूरत है।
मीना बाजार, सिर्फ एक बाजार नहीं है।
जबलपुर की सांस्कृतिक विरासत और इतिहास का खास हिस्सा है। यह सिर्फ एक बाजार नहीं है। यह सैंकड़ों गरीब दुकानदारों और छोटे कारोबारियों की जीवन रेखा है। मीना बाजार, सिर्फ एक बाजार नहीं है, यह हजारों सम्मानीय माओ बहनों का विश्वास है कि वह मीना बाजार में रात 12 बजे भी निकल सकती हैं, खरीदारी कर सकती है। लेकिन बीते कुछ सालों से मुटठीभर आवारा लड़कों की आवारागर्दी के चलते, यह विरासत, यह कारोबार, महिलाओं का विश्वास प्रभावित हो रहा है।
आज अगर इस आवारागर्दी पर ध्यान नहीं दिया गया। तो कल यह बढ़ती जाएगी। जिसका चौतरफा खामियाजा सबको भुगतना पड़ेगा।

झुंड बनाकर बाजार में घुसते हैं
मीना बाजार अपने परवान पर है। हर तरफ रौनक है, दुकानें हैं, खरीदारी हो रही है भीड़ उमड़ रही है। लेकिन इस भीड़ में आवार लड़कों के घुसने और शरारत करने की शिकायत बढ़ती जा रही है। जिससे मीना बाजार का माहौल खराब हो रहा है और कारोबारियों में चिंता बढ़ रही है।
बाजार में आवारा लड़कों को डेरा पूरे समय बना रहता है। चूंकी यह झुंड में होते हैं इसलिये कारोबारी भी कुछ बोलने से बचते हैं। जिससे इनकी हिम्मत बढ़ रही है। बड़ी संख्या महिलाएं अब रात 10 बजे के बाद यहां आने से कतरा रही हैं। जिससे मीना बाजार का कारोबार और विरासत दोनों प्रभावित हो रही है। मीना बाजार से जिन लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई उनकी चिंता बढ़ती जा रही है।
अब मीना बाजार के आखरी दस दिन बचे हैं। मांग की जा रही है कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं, जिससे स्थिति बिगड़ने से पहले कंट्रोल में आए।
पुलिस प्रशासन से मांग
1: महिला कांस्टेबल की तैनाती

चूंकी मीना बाजार में बड़ी संख्या में महिलाएं और लड़कियां पहुंचती हैं। इसलिये यहां अधिक संख्या में महिला कांस्टेबल तैनात करने की जरूरत है। जिन्हें विशेष रूप से बाजार के उन हिस्सों में तैनात किया जाए, जहां महिलाएं अधिक खरीदारी करती हैं।
2: पुलिस गश्त बढ़ाई जाए
इसमें दो राय नहीं कि पुलिस प्रशासन का बेहतरीन इंतजाम मीना बाजार में रहता है। लेकिन एक कमी महसूस की जाती है पूरा का इंतेजाम वाहनों को बाजार में घुसने से रोकने तक सीमित रहता है।
मांग की जा रही है कि अंतिम दस दिनों में पुलिस की टीमें मछली मार्केट से बहोराबाद के बीच लगातार गश्त करें। जिससे आवारा गर्दी करने वालों के अंदर डर पैदा हो सके।
3: सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए

बाजार के उन हिस्सों में जहां भीड़ सबसे अधिक होती है वहां सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने की मांग की जा रही है। जिससे भीड़ का फायदा उठाकर होने वाली चोरी भी रुके और आवारागर्दी करने वाले ट्रेस हो सकें।
4: ऊंची इमारतों से निगरानी
मछली मार्केट से बहोराबाग के बीच की ऊंची इमारतों में पुलिस के जवान तैनात करने की जरूरत बताई जा रही है। जहां से पूरे बाजार और छोटी छोटी गलियों पर नजर रखी जा सके।
पहली जिम्मेदारी दुकानदारों की..
वहीं यहां दुकान लगाने वाले अधिकांश व्यापारी छोटी पूंजी के दुकानदार होते हैं। ग्राहकी के समय कोई दुकानदार किसी आवारा तत्व से उलझने से बचता है। लेकिन मीना बाजार के दुकानदारों और कारोबारियों से अपील है कि यदि आपकी दुकान के सामने कोई आवारगर्दी हो रही है, तो पहली जिम्मेदारी आपकी है। क्योंकि आज अगर आप इन असामाजिक तत्वों को नहीं रोकेंगे तो यह कल आपका कारोबार रोक देंगे। इसलिये ऐसे तत्वों को रोके और पुलिस के हवाले करें।
महिलाओं से गुजारिश
बुजुर्गों ने मीना बाजार की बुनियाद खासतौर पर महिलाओं के लिये रखी थी। जिससे जो महिलाएं अलग अलग कारणों से खरीदारी के लिये बाहर नहीं जा पाती, उन्हें क्षेत्र में ईद की खरीदारी मौका मिले। यह बाजार महिलाओं का है और महिलाओं के लिये है।
इसलिये महिलाओं से गुजारिश है कि पूरे यकीन के साथ, जिस समय चाहे आप मीना बाजार में निकलें और खरीदादारी करें। आपके साथ कोई किसी भी तरह की बदतमीजी करता है तो आप आगे बढ़कर उसे सबक सिखाएं। पूरा बाजार, पूरे कारोबारी, पूरा पुलिस प्रशासन आपके साथ है।
Nice