सबसे ज्यादा केरल तो सबसे कम दिल्ली में है बेरोजगारी
पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे ने बेरोजगारी की स्थिति को स्पष्ट किया है। जिसमें केरल सबसे ज्यादा बेरोजगारी से परेशान है जबकि दिल्ली में बेरोजगारी की समस्या सबसे कम है।
पीएलएफसी यानी पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे ने 2024 की पहली तिमाही जनवरी से मार्च तक के आंकड़े जारी किए हैं। इससे संकेत मिल रहे हैं कि 15 से 29 आयुवर्ग के बीच इस अवधि में बेरोजगारी के मामले में केरल सबसे आगे और दिल्ली में दर सबसे कम है। इस वर्ग में कुल बेरोजगारी दर 17 फीसदी पर रही, जो 2023 की इस अवधि की तुलना में मामूली कम है।
रिपोर्ट में पीएलएफसी के आंकड़े बताते हैं कि 15 से 29 आयुवर्ग में बेरोजगारी के मामले में जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा शीर्ष 5 राज्यों में शामिल हैं। इस दौरान सभी आयुवर्गों में बेरोजगारी 6.7 प्रतिशत के आसपास रही है। जबकि, अक्टूबर-दिसंबर की पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 6.5 प्रतिशत के आसपास था।
22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली (3.1 प्रतिशत) के अलावा कम बेरोजगारी दरों वाले राज्यों में गुजरात (9 प्रतिशत) और हरियाणा (9.5 प्रतिशत) का नाम शामिल है। इसके अलावा कर्नाटक में आंकड़ा 11.5 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में यह दर 12.1 प्रतिशत पर रही। इधर, महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा जम्मू और कश्मीर में 48.6 फीसदी पर रही। जबकि, केरल में यह आंकड़ा 46.6 फीसदी, उत्तराखंड में 39.4 फीसदी, तेलंगाना में 38.4 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में 35.9 फीसदी है। जनवरी से मार्च की तिमाही में महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर कुल 22.7 फीसदी पर थी, जो 2023 के आंकड़े 22.9 फीसदी के मुकाबले थोड़ी कम थी। हर तिमारी में प्रतिशत बेरोजगारी दर का पता लगाता है। बेरोजगारी दर करंट वीकली स्टेटस यानी सीडब्ल्यूसी के आधार पर निकाला जाता है। इसका मतलब है कि एक व्यक्ति अगर उस सप्ताह में किसी भी दिन एक घंटे के लिए भी काम नहीं करता है, लेकिन इसकी तलाश करता है और काम के लिए उपलब्ध रहता है, तो उसे बेरोजगार माना जाता है।