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जबलपुर के ‘आवामी फलाह मॉडल’ की पूरे देश में चर्चा : कम्यूनिटी हेल्थ केयर के मैदान में बनी मिसाल

स्वास्थ्य शिविर में पैरासीटामॉल और वीटामिन की गोली बांटकर मसीहा बनने के दौर में यह मान पाना मुश्किल है कि जबलपुर में ऐसी भी एक संस्था है जो 12 साल 10 महीने से बिना रुके, बिना थके, बिना पीछे हटे, बिना वाहवाही लूटे और मीडिया में दिखे जबलपुर के गरीब और कमजोर इंसानों तक फ्री और बेहतरीन इलाज पहुंचाने का काम रही है। 

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फलाह सोसायटी खिदमात की तारीफ करते हुये क्लिनिक के खतीब अंसारी को डोनेशन देते साबिक मुफ्ति ए आजम मौलाना हामिद अहमद सिद्दीकी रहमतुल्लाह अलैहे.

मौसमी बीमारियों से लेकर हार्ट किडनी हड्डी की बीमारी तक, टोटल फ्री इलाज से लेकर बड़े आपरेशन में मदद तक। दवाएं फ्री देने से लेकर व्हील चेयर, मेडिकल बेड जैसे उपकरण देने तक फलाह काम कर रही है। यहां तक कि बड़े अस्पतालों और नागपुर तक मरीजों को पहुंचाने के लिये बस और एम्ब्यूलेंस का भी  फलाह इंतेजाम कर रही है।

एक स्वास्थ्य शिविर से शुरु हुई यह मुहिम आज मध्य प्रदेश के मुसलमानों की तारीख का सबसे बड़ा स्वास्थ्य मिशन बन चुका है। कम लोग जानते हैं कि आवामी फलाह सोसायटी के स्वास्थ्य माडल की तर्ज पर मध्य प्रदेश सहित उत्तर प्रदेश, बिहार के कई शहरों में स्वास्थ्य मिशन शुरु हुये और कामयाब हुए।

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12 साल की अंथक मेहनत, कुरबानी, मैनेजमेंट और इख्लास की बदौलत आज जबलपुर की आवामी फलाह सोसायटी पूरे हिन्दुस्तान के मुस्लिम समाज में एक अलग मकाम बना चुकी है।

इस सोसायटी और इसकी खिदमत के तरीके ने यह बताया और सिखाया है कि कैसे संसाधन का रोना रॉयल बिना, आगे आया जाता है और ऐसा माडल खड़ा किया जाता है, जिसे लाखों इंसान की सालों साल खिदमत हो सके। 

आज आवामी फलाह सोसायटी जहां अपनी फलाह पाली क्लिनिक के माध्यम से एलोपैथिक, यूनानी और होम्योपैथिक इलाज फ्री मुहैया करा रही है। वहीं पैथालाजी, सोनाग्राफी, एक्स रे जैसी सेवाएं 60 से 90 फीसद तक कम रेट पर गरीबों को दे रही है। वहीं जो मरीज वो भी नहीं दे सकता, उससे उसका पैसा भी नहीं लिया जाता। इसके अलावा आवामी फलाह सोसायटी मेडिकल उपकरण सेंटर रन करती है। जहां मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र की आवाम को व्हील चेयर, मरीज के बेड, आक्सीजन सिलेंडर सहित 2  दर्जन के करीब मेडिकल उपकरण निशुल्क मुहैया कराए जाते हैं।

फलाह सोसायटी की खिदमात यहीं नहीं रुकती, फलाह सोसायटी  निशुल्क बस और एम्बूलेंस भी चलाती है। जिससे यहां के मरीजों को मेडिकल अस्पताल, सुखसागर अस्पताल से लेकर नागपुर मुंबई भोपाल तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है। जबलपुर मुस्लिम समाज का अपना चेरीटेबल अस्पताल खड़ा करने के मिशन पर बढ़ती आवामी फलाह सोसायटी आज अपनी मिसाल खुद है। जिसकी सेवाओं को शब्दों में समेट पाना मुम्किन नहीं है।

फलाह क्लिनिक का निरीक्षण करते विधायक लखन घनघोरिया

हर महीने 3 हजार लोगों का इलाज …..

गोहलपुर के अंसार नगर में स्थिति फलाह चेरीटेबल पाली क्लिनिक में करीब 4 फुल टाईम डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। यह क्लिनिक 3 घंटा सुबह और 4 घंटा शाम को खुलती है। जहां मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के करीब 8 वार्डों सहित पूरे शहर के आर्थिक रूप से कमजोर मरीज पहुंचते हैं। जिनसे सिर्फ दस रुपये रजिस्टे्रशन फीस ली जाती है। वहीं अधिकांश दवाएं क्लिनिक में ही फ्री मुहैया करा दी जाती है।

हर दिन एक एक्सपर्ट डॉक्टर

जरूरत मंदों को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की सेवाएं मिल सकें। इसके लिये क्लिनिक में हर दिन एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर आता है। जिसमें महीला रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेष, कार्डियोलाजिस्ट शामिल हैं। यह डॉक्टर 10 रुपये की रजिस्ट्रेशन फीस में ही गंभीर बीमारियों का इलाज करते हैं।

फ्री मिलता है मेडिकल उपकरण

क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या मेडिकल किट थी।  जिन किट के आभाव में समाज के गरीब मरीज घरों में तड़पने को मजबूर थे। आवामी फलाह सोसायटी ने इस समस्या को समझा और इसका समाधान पेश किया। अंसार नगर नमाज गाह के सामने सोसायटी का फलाह मेडिकल उपकरण सेंटर चल रहा है। जहां व्हील चेयर, आक्सीजन सिलेंडर मास्क, मरीज के बेड, सिकाई सहित 24 से अधिक तरह मेडिकल उपकरण निशुल्क मुहैया कराए जाते हैं। जिनके घरों में बीमार हैं वो यहां से जरूरत के हिसाब मेडिकल किट ले जाते हैं और मरीज के ठीक होन के बाद वापस लाकर जमा कर देते हैं।

हफ्ते में तीन दिन फलाह बस सेवा

हफ्ते में तीन दिन अंसार नगर से फलाह बस सेवा का संचालन किया जाता है। यह बस सनिचर, सोमवार और जुमेरात को रवाना होती हैं। यहां के मरीजों को  मेडिकल अस्पताल और सुखसागर अस्पताल निशुल्क ले जाती हैं और वापस लाती हैं। वहीं आर्थिक से अक्षम मरीज को नागपुर, भोपाल, मुंबई आदि इलाज के लिये पहुंचाने में एम्बयूलेंस का इंतेजाम भी आवामी फलाह सोसायटी कर रही है।

चेरीटेबल हॉस्पिटल का मंसूबा

फलाह सोसायटी का मकसद जबलपुर की गरीब आवाम के लिये एक चैरीटेबल हास्पिटल बनाना है। फलाह बीते 11 सालों से जिस मेहनत और इख्लास के साथ काम कर रही है। उससे सबको यकीन भी है और सबकी दुआएं भी हैं आवामी फलाह सोसायटी एक दिन अपने इस मकसद में भी जरूर कामयाब होगी।

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