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लेबनान में इज़राइली बमबारी का कहर, राजधानी बैरूत पर सुबह से बमबारी जारी

24 घंटे में 105 लोग मारे गए

लेबनान में हालात बिगड़ते जा रहे हैं, जहाँ पिछले 24 घंटे में इज़राइली बमबारी से कम से कम 105 लोग मारे गए और 359 अन्य घायल हुए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह बमबारी देश के विभिन्न हिस्सों में हुई है, जिसमें बेरूत की राजधानी भी शामिल है, जो कई वर्षों में पहली बार इस तरह के हमले का शिकार हुई  

इज़राइल ने शनिवार और सोमवार के बीच लेबनान के विभिन्न हिस्सों में हवाई हमले किए। इस हमले का केंद्र बेरूत में था, बैरूत में भी सिटी सेंटर हमला किया गया, जो बड़े युद्ध की ओर इशारा करता है। इज़राइल ने हिज़्बुल्लाह के कई ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया, जबकि लेबनानी अधिकारियों का कहना है कि सभी बमबारी में घरों और इमारतों को नुकसान पहुंचा है।

लेबनानी सरकार ने इन हमलों को “नरसंहार” बताया है। सोमवार की सुबह, बेरूत के कोला ब्रिज क्षेत्र में एक इज़राइली हवाई हमले की सूचना मिली, जो पिछले साल की शुरुआत से शहर की सीमा के अंदर पहला हमला है।

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बेरूत में हमले से यह संकेत मिलता है कि अब लेबनान की राजधानी भी इज़राइली हमलों की जद में हो गई.

न्यूज एजेंसी के अनुसार “यह पहली बार है जब राजधानी का कोई क्षेत्र निशाना बनाया किया गया है। पहले हमले दक्षिणी उपनगरों पर हुए थे।” इससे स्पष्ट होता है कि इज़राइल अपने हमलों में तेजी ला रहा है और अब उसके लिए कोई भी सीमा नहीं रह गई है।

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संघर्ष का व्यापक दायरा:
रविवार को, सिदोन के निकट ऐन अल-डेल्ब में इज़राइली हवाई हमले में दो आवासीय इमारतें ध्वस्त हो गईं, जिससे 32 लोग मारे गए। लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने कहा कि अब तक से 10 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने इज़राइल पर “अपराधी अभियानों” का आरोप लगाया।

इज़राइली सेना ने 23 सितंबर को लेबनान पर एक बड़ा बमबारी अभियान शुरू किया, जिसका मकसद हिज़्बुल्लाह को सीमाओं से दूर बताया गया था। लेकिन इस कार्रवाई में अबतक सिर्फ बेगुनाह ज्यादा निशाना बने हैं.

इस बढ़ते संघर्ष में हिज़्बुल्लाह ने भी इज़राइली ठिकानों पर हमले जारी रखे हैं। स्थिति यह है कि अब यह युद्ध जैसे हालात में पहुँच गया है, जहाँ इज़राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच लगातार संघर्ष जारी है। लेबनान में इस समय मानवता के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है, जहाँ लोग अपने घरों से बेघर हो रहे हैं और बुनियादी सुरक्षा भी खतरे में है।

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