सनी हों या सलमान…अपनी मर्जी से बिना नेम प्लेट चला सकते हैं दुकान
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बरकरार रखा

नई दिल्ली । यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों-दुकानों के नेम प्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, चाहे सनी हों या सलमान… अपनी मर्जी से बिना नेम प्लेट के भी दुकान चला सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई कर आदेश पर अंतरिम रोक का फैसला बरकरार रखा है। अदालत में यूपी की योगी सरकार ने नेम प्लेट वाले आदेश के पक्ष में खूब दलीलें दीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक भी दलील नहीं मानी। आदेश बरकरार रखकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम नाम लिखने को मजबूर नहीं कर सकते। योगी सरकार की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को 1 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमारा आदेश साफ है।
नेम प्लेट वाले आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंहवी ने कहा कि मुझे यूपी का जवाब शनिवार सुबह मिला है। वहीं, यूपी की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यूपी ने अपना जवाब दाखिल कर दिया। वहीं, मध्य प्रदेश ने कहा कि उनके प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ सिर्फ उज्जैन म्युनिसिपल ने जारी किया था लेकिन कोई दबाव नहीं डाला गया है।
यूपी सरकार ने कैसे ठहराया सही
मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा कि सोमवार को इस पर सुनवाई करे, वरना इसका कोई मतलब नहीं रहेगा। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जवाब में यूपी सरकार ने स्वीकार किया है कि कम समय के लिए ही सही हमने भेदभाव किया है। वकील रोहतगी ने कहा कि बोर्ड पर मालिक का नाम लिखने के लिए कहना न केवल उचित है, बल्कि कानून की जरूरत भी है। कोर्ट ने एकतरफा आदेश दिया है, जिससे हम सहमत नहीं है।
वहीं, उत्तराखंड के वकील ने कहा कि यह कहना गलत है कि मालिक का नाम प्रदर्शित करने के लिए कोई कानून नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हमें शिव भक्त कांवड़ियों के भोजन की पसंद का भी सम्मान करना चाहिए।