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दिल्ली धमाका: दो साल से जुटाए जा रहे थे विस्फोटक, कई शहरों में धमाकों की थी योजना — जांच एजेंसियों का खुलासा

नई दिल्ली, (BAZ CENTRAL DESK)। दिल्ली के लाल किला के पास सोमवार को हुए संदिग्ध कार धमाके की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को कई अहम सुराग मिले हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह साजिश कोई अचानक की गई घटना नहीं थी, बल्कि पिछले दो वर्षों से चल रही सुनियोजित योजना का हिस्सा थी।

जांच एजेंसियों के अनुसार, संदिग्ध मॉड्यूल के सदस्यों ने लंबे समय से अमोनियम नाइट्रेट जैसे उर्वरक-आधारित विस्फोटक पदार्थ इकट्ठा कर रखे थे। उनका उद्देश्य देशभर के प्रमुख शहरों में एक साथ श्रृंखलाबद्ध धमाकों को अंजाम देना था। सूत्रों का कहना है कि यह मॉड्यूल विदेशी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से निर्देश प्राप्त कर रहा था।

🔹 मेडिकल पेशे से जुड़ा आतंकी नेटवर्क

जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि इस नेटवर्क से जुड़े कई लोग मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े थे। सभी संदिग्ध एक ही निजी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे और कॉलेज परिसर के बाहर अक्सर एक-दूसरे से मुलाकात कर योजनाएँ बनाते थे। पूछताछ में सामने आया है कि वे काम के बाद गुप्त बैठकों में देशभर में संभावित हमलों की चर्चा करते थे।

जांच एजेंसियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और हरियाणा पुलिस के संयुक्त अभियान में अब तक कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जबकि एक प्रमुख सदस्य अब भी फरार है, जिस पर लाल किला के पास हुई कार ब्लास्ट में शामिल होने का संदेह है।

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🔹 विस्फोटक सामग्री और आपूर्ति नेटवर्क पर छापे

सूत्रों के मुताबिक, संदिग्धों ने एक कार में अमोनियम नाइट्रेट और डिटोनेटर जैसे व्यावसायिक विस्फोटक भरकर धमाका किया था। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से बरामद नमूनों को विश्लेषण के लिए भेज दिया है।
इस बीच, गुरुग्राम स्थित एक अमोनियम नाइट्रेट सप्लायर की पहचान की गई है, जिसके यहां जल्द ही छापेमारी और गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा सकती है। एजेंसियों को संदेह है कि इस सप्लायर ने आतंकियों को बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराई थी।

🔹 सोशल मीडिया से कट्टरपंथ का जाल

जांच में यह भी सामने आया है कि फरीदाबाद और दिल्ली में हुई छापेमार कार्रवाई ने ऐसे नेटवर्क का पर्दाफाश किया है जो शिक्षित युवाओं और पेशेवरों को कट्टरपंथ की ओर मोड़ रहा था
ये नेटवर्क सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से डॉक्टरों, इंजीनियरों और छात्रों को प्रभावित कर रहे थे, और उन्हें यह विश्वास दिलाया जा रहा था कि वे एक “धार्मिक मिशन” का हिस्सा हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “मेडिकल प्रोफेशन आतंकियों के लिए एक आदर्श ढाल बन गया था, जिससे वे बिना शक के देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम दे सकें।”

🔹 कई राज्यों तक फैली जांच

वर्तमान में यह जांच एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त नेतृत्व में जारी है। कई शहरों — विशेषकर दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, श्रीनगर और लखनऊ — में रेड की जा रही है।
एजेंसियों को आशंका है कि इस नेटवर्क की शाखाएँ अन्य राज्यों में भी सक्रिय हैं और आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।

फिलहाल सुरक्षा एजेंसियाँ देशभर के संवेदनशील इलाकों में अलर्ट पर हैं और दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।

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