मढ़ई मस्जिद: ‘ओरिजिनल दस्तावेज़’ लेकर पहुंचे कांग्रेस जन, मस्जिद को अवैध बताने वालो को दी चुनौती

(जबलपुर) – वक़्फ व्हीकल मस्जिद मढ़ई के मामले को लेकर शहर में हाल ही में कुछ संगठनों द्वारा भ्रामक जानकारी फैलाने और शहर के अमन-चैन को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। इसे लेकर मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। यहाँ मस्जिद के ओरिजनल दस्तावेज़ों की सत्यापित कॉपी अधिकारियो को सौंपी गई. वही जानबूझ कर मस्जिद को लेकर झूट गढ़ने वालो के खिलाफ तत्काल FIR की मांग की गई.
मामला न्यायालय में विचाराधीन
पार्षद गुलाम हुसैन ने बताया कि 26 सितंबर 2024 को कुछ संगठनों ने मस्जिद व्हीकल मढ़ई को लेकर गलत जानकारी फैलाई और प्रदर्शन कर शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और संकीर्ण मानसिकता का परिचय है। जबकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, और ऐसे में प्रदर्शन करना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
मस्जिद की जमीन का इतिहास
प्रतिनिधि मंडल ने अधिकारियो को दस्तावेज़ों की सत्यापित प्रति देते हुए बताया, यह मस्जिद थाना रांझी के अंतर्गत स्थित है। इस भूमि का पुराना खसरा नंबर 326 था, और इसके पूर्व स्वामी फूलसिंह पिता दीनदयाल सिंह थे, जो 1954-55 से 1970 तक इसके स्वामी थे। वर्ष 1973 में मस्जिद निर्माण के लिए भूमिस्वामी फूलसिंह से सैफुद्दीन पिता निजामुद्दीन, अजीजुल कमर खाँ, हनीफ और मुन्ने मियां ने यह भूमि खरीदी थी।
इसमें 1600 वर्गफुट और 920 वर्गफुट की दो रजिस्ट्रियां हुईं, जिनके खसरा नंबर इस प्रकार हैं:
- पुराना खसरा नंबर 326/6 और नया खसरा नंबर 165, कुल रकबा 920 वर्गफुट।
- पुराना खसरा नंबर 326/7 और नया खसरा नंबर 166, कुल रकबा 1600 वर्गफुट।
दोनों रजिस्ट्रियों का कुल रकबा 2520 वर्गफुट है।
नवंबर 2021 में भी हुआ था प्रदर्शन
यहाँ बताया गया की नवंबर 2021 में भी कुछ अल्पज्ञानी व्यक्तियों ने ज्ञापन और प्रदर्शन किया था कि यह मस्जिद सरकारी भूमि पर बनी है। उस समय एसडीओ महोदय ने प्रकरण क्रमांक 0052/B-121/20-22 के तहत स्थगन आदेश जारी किया था, जो आज भी प्रभावी है।
फिर से उठाया गया विवाद
26 सितंबर 2024 को फिर से कुछ लोगों ने ज्ञापन दिया कि यह मस्जिद गायत्री बालमंदिर की भूमि पर बनी है और इसका सीमांकन किया जाए। जबकि वास्तविकता यह है कि गायत्री बालमंदिर का खसरा नंबर 169 है और मस्जिद का खसरा नंबर 165 एवं 166। दोनों भूमि के खसरा नंबर अलग-अलग हैं।
मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से निवेदन किया कि शहर की शांति भंग करने वाले और दुष्प्रचार करने वालों पर रोक लगाई जाए ताकि संस्कारधानी जबलपुर का अमन-चैन बना रहे।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य
पार्षद गुलाम हुसैन, सैय्यद ताहिर अली, गुड्डू नबी उस्मानी, वकील अंसारी, अख्तर अंसारी, सफीक हीरा, मुकिमा याकूब अंसारी, राजू लाईक, आमीन कुरैशी, हामिद मंसूरी, आसिफ इक़बाल, आबिद मंसूरी, एड. सलीम खान, एड. निजामुद्दीन, पप्पू वसीम, अशरफ मंसूरी, आजाद अंसारी, निहाल मंसूरी, गुलाम जिलानी, टीपू सुल्तान, हाजी बहार अंसारी, हसीब खान, शाहरुख अंसारी, मोहम्मद इमरान, सरफराज रिंकू, समीम खान, महबूब अंसारी और बबलू भैया।
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