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साइबर गुलामी: विदेशों में नौकरी के नाम ‘Cyber Gulam’ बने 30 हजार भारतीय, अगला शिकार आप ..

साइबर गुलामी: आज के डिजिटल युग में साइबर गुलामी एक नई और गंभीर समस्या बनकर उभरी है। हजारों भारतीय नागरिक, विशेषकर युवा, नौकरी और बेहतर जीवन की तलाश में विदेशों का रुख कर रहे हैं, लेकिन कई बार ये सफर उनके लिए एक भयावह अनुभव में बदल जाता है। कंबोडिया, थाईलैंड, म्यांमार और वियतनाम जैसे देशों में टूरिस्ट वीजा पर गए भारतीय साइबर गुलामी का शिकार हो रहे हैं, जहां उनसे जबरन साइबर अपराध कराए जा रहे हैं। इस लेख में हम इस खतरनाक प्रवृत्ति और इससे जुड़े तथ्यों पर चर्चा करेंगे।

विदेशों में टूरिस्ट वीजा पर गए हजारों भारतीयों के वापस न लौटने की चिंताजनक खबर सामने आई है। गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली आप्रवासन ब्यूरो (Bureau of Immigration) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और वियतनाम में जाने वाले लगभग 30 हजार भारतीय अब तक वापस नहीं लौटे हैं। इन देशों में विजिटर वीजा पर गए भारतीयों को साइबर गुलामी में धकेला जा रहा है, जहाँ उनसे साइबर क्राइम कराए जा रहे हैं।

साइबर गुलामी क्या है

पंजाब, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सबसे ज्यादा प्रभावित

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में पंजाब से 3,667 लोग, महाराष्ट्र से 3,233 और तमिलनाडु से 3,124 लोग शामिल हैं। जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच 73,138 भारतीय इन देशों की यात्रा पर गए थे, जिनमें से 29,466 लोग अब तक लौटकर नहीं आए हैं। इनमें से 90 प्रतिशत लोग पुरुष हैं, जिनकी उम्र 20 से 39 साल के बीच है।

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राज्यसाइबर गुलामी में फंसे लोग
पंजाब3,667
महाराष्ट्र3,233
तमिलनाडु3,124
कर्नाटक1,987
उत्तर प्रदेश1,532
हरियाणा1,211
राजस्थान985
गुजरात873
पश्चिम बंगाल742
बिहार675
अन्य राज्य3,437

नौकरी का लालच देकर फंसाए गए

रिपोर्ट्स से यह बात सामने आई है कि इन भारतीयों को नौकरी का लालच देकर साइबर गुलाम बनाया जा रहा है। इनसे दबाव डालकर साइबर ठगी कराई जा रही है, जिसमें भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। चूंकि ये लोग भारतीय हैं, इसलिए ये आसानी से हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाओं में लोगों से संवाद कर सकते हैं, जिससे साइबर अपराधी आसानी से धोखाधड़ी कर पाते हैं।

सरकार की सख्त कार्रवाई

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस संबंध में पूरी जानकारी जुटाएं और संबंधित व्यक्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करें।

साइबर ठगी के बढ़ते मामले

भारत में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई बार ठग ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल कर लोगों को जाल में फंसाते हैं और उनसे लाखों रुपये की ठगी कर लेते हैं। साइबर गुलामी के तहत काम करने वाले लोग इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं और उन्हें फर्जी वादों के तहत धोखा देते हैं।

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सवालों के घेरे में भारतीय समाज

यह घटनाएं भारतीय समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। विदेशों में फंसे भारतीयों की मदद कैसे की जाए, यह एक प्रमुख सवाल है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को अब इन नागरिकों की सुरक्षा और साइबर अपराध के बढ़ते जाल को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।


नोट: अगर आपके परिवार या परिचित में से कोई व्यक्ति विदेश यात्रा पर गया है और अब तक वापस नहीं लौटा है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या सरकार द्वारा दी गई हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

विदेशों में साइबर गुलाम बने भारतीयों से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQ)

1. साइबर गुलामी क्या है?

साइबर गुलामी वह स्थिति है जिसमें लोगों को नौकरी या अन्य प्रकार के लालच देकर धोखे से विदेश बुलाया जाता है और फिर उनसे जबरन साइबर अपराध कराए जाते हैं। यह अपराधी आमतौर पर साइबर ठगी के जरिए लोगों को धोखा देकर उनके पैसे हड़पते हैं।

2. किन देशों में भारतीयों को साइबर गुलाम बनाए जाने की घटनाएं ज्यादा हुई हैं?

सबसे ज्यादा घटनाएं कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और वियतनाम में सामने आई हैं, जहां टूरिस्ट वीजा पर गए भारतीयों को साइबर क्राइम के काम में लगा दिया गया है।

3. कितने भारतीय इस साइबर गुलामी में फंसे हुए हैं?

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच 73,138 भारतीय इन देशों में गए थे, जिनमें से करीब 30,000 लोग अभी तक वापस नहीं लौटे हैं। इनमें से 90 प्रतिशत पुरुष हैं, और इनकी उम्र 20-39 साल के बीच है।

4. सबसे ज्यादा प्रभावित कौन से राज्य हैं?

सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य पंजाब (3,667 लोग), महाराष्ट्र (3,233 लोग) और तमिलनाडु (3,124 लोग) हैं।

5. साइबर ठगी के तहत काम कैसे कराया जाता है?

साइबर गुलामी के तहत फंसे लोगों से जबरदस्ती इंटरनेट के माध्यम से साइबर ठगी कराई जाती है। वे भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर उन्हें धोखाधड़ी के जाल में फंसाते हैं, क्योंकि ये लोग भारतीय भाषाएं और संस्कृति को समझते हैं।

6. सरकार इस समस्या से निपटने के लिए क्या कर रही है?

केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे इन लोगों की पूरी जानकारी और सत्यापन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें।

7. यदि मेरा कोई परिचित विदेश यात्रा पर गया है और वापस नहीं लौटा है, तो मुझे क्या करना चाहिए?

अगर आपका कोई जानकार या परिवार का सदस्य विदेश यात्रा पर गया है और अभी तक वापस नहीं लौटा है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या सरकार द्वारा प्रदान की गई हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

8. क्या ऐसे मामलों में कानूनी सहायता मिल सकती है?

हां, सरकार इन मामलों में कानूनी सहायता प्रदान कर रही है। संबंधित दूतावासों और एजेंसियों के जरिए विदेश में फंसे भारतीयों की मदद के प्रयास किए जा रहे हैं।

9. कैसे बचा जा सकता है साइबर गुलामी से?

अज्ञात स्रोतों से मिली नौकरी के ऑफर को सत्यापित किए बिना स्वीकार न करें।
अगर किसी विदेशी यात्रा के दौरान संदिग्ध परिस्थितियां महसूस हों, तो तत्काल अपने नजदीकी दूतावास या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।
हमेशा वैध वीजा और परमिट के साथ ही विदेश यात्रा करें, और अपने यात्रा दस्तावेजों की प्रतियां सुरक्षित स्थान पर रखें।

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