
नई दिल्ली: भारत सहित दुनिया भर में महंगाई की दर में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन अब महंगाई के मुकाबले लोगों की सबसे बड़ी चिंता युद्ध और अपराधिक हिंसा बन गई है। वैश्विक मार्केट रिसर्च फर्म ईप्सोस द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे में यह बात सामने आई है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और देश में बढ़ती हिंसा ने लोगों की चिंताओं का रुख महंगाई से मोड़ दिया है। ईप्सोस सर्वे
सर्वे के अनुसार, भारत समेत कई देशों में लोग अब महंगाई के बजाय अपराध और हिंसा को लेकर अधिक चिंतित हैं। यह बदलाव रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद के वैश्विक हालात और दुनिया भर में बढ़ती अपराध दर के कारण हुआ है। विशेष रूप से भारत जैसे देशों में अपराध और हिंसा में तेज वृद्धि ने नागरिकों के मन में असुरक्षा का माहौल बना दिया है।
भारत में आर्थिक स्थिति पर नजर
सर्वे में जब भारतीयों से उनके देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारे में पूछा गया, तो 78% भारतीयों ने इसे बेहतर बताया। यह आंकड़ा अन्य देशों से काफी अलग है, जहां लोग अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर अधिक नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। उदाहरण के तौर पर, जापान में 86% लोग मानते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है, जबकि दुनिया भर में औसतन 61% लोग यह महसूस करते हैं कि आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है।
ग्लोबल चिंताएं: युद्ध, अपराध और हिंसा
सर्वे में सबसे बड़ी चिंता के रूप में युद्ध की आशंका, अपराध और हिंसा को रखा गया है। लोगों का मानना है कि दुनिया में बढ़ती वैश्विक अस्थिरता और स्थानीय अपराधों में वृद्धि ने सुरक्षा और शांति के प्रति लोगों के मन में भय पैदा किया है। इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी चिंता महंगाई को माना गया, जो कि हालांकि अब भी महत्वपूर्ण है, लेकिन अब अपराध और हिंसा की बढ़ती घटनाओं के सामने थोड़ा कम प्राथमिकता में है।
सर्वे में यह भी देखा गया कि गरीबी और असमानता तीसरी बड़ी चिंता के रूप में उभरकर सामने आई है। इसके बाद बेरोजगारी और राजनीतिक भ्रष्टाचार के बारे में चिंता जताई गई है। इन सब के बीच, राजनीतिक भ्रष्टाचार को 5वें नंबर पर रखा गया है, जो लोगों के विश्वास को सरकार और राजनीतिक प्रणाली पर कम कर रहा है।
महंगाई की चिंता में कमी
हंगाई, जो पहले कई देशों के लिए प्राथमिक चिंता थी, अब कम महत्व की समस्या बन गई है। हालांकि, आर्थिक दबाव और जीवन यापन की लागत में वृद्धि अब भी बड़ी चिंता का विषय है, लेकिन इसे युद्ध और हिंसा जैसी गंभीर समस्याओं के मुकाबले थोड़ी कम प्राथमिकता मिल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव वैश्विक राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्यों में बदलाव को दर्शाता है, जो लोगों की मानसिकता पर गहरा असर डाल रहा है।
इस सर्वे के परिणाम यह दिखाते हैं कि महंगाई और आर्थिक संकट की तुलना में अब वैश्विक युद्ध, अपराध और हिंसा की बढ़ती घटनाओं ने अधिक चिंता पैदा की है। बढ़ते अपराध, हिंसा, और वैश्विक संघर्षों के कारण लोगों में असुरक्षा और डर का माहौल बन गया है, जो सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
इस सर्वे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महंगाई की बढ़ती दर के बावजूद, युद्ध, हिंसा, और अपराध अब प्रमुख चिंताओं के रूप में उभरे हैं। यह दिखाता है कि वैश्विक और राष्ट्रीय संकटों के कारण लोग अपनी सुरक्षा और शांति को लेकर अधिक चिंतित हैं, और इन समस्याओं का समाधान न केवल आर्थिक उपायों, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता पर भी निर्भर करेगा।