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ईरान की ऐतिहासिक जीत: राष्ट्रपति पेज़ेशकियन ने जनता को सराहा, भारतीय मुसलमानों में जश्न

तेहरान, 25 जून 2025 । ईरान ने इज़राइल के साथ 12 दिन की जंग के बाद घोषित युद्धविराम को अपनी “ऐतिहासिक जीत” करार दिया है। राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने इस कामयाबी का सारा श्रेय ईरानी जनता की एकजुटता और उनके पक्के इरादे को दिया है। उन्होंने कहा कि यह जीत न सिर्फ़ सैन्य ताकत को बयान करती है, बल्कि ईरान की शांति और क्षेत्रीय भाईचारे की वचनबद्धता को भी सामने लाती है। हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय इस जीत को अपनी साझा मज़हबी और सांस्कृतिक विरासत की मज़बूती के तौर पर देख रहे हैं और इसे जोश-ख़रोश से मना रहे हैं।

जनता की एकता ने रची जीत की इबारत

राष्ट्रपति पेज़ेशकियन ने अपने पैग़ाम में कहा, “यह ऐतिहासिक जीत महान ईरानी अवाम की है, जो तहज़ीब और इतिहास के बुनकर हैं।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि 12 दिन की जंग का ख़ातमा जनता की बहादुरी और फौज की मज़बूती की बदौलत हुआ। ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने इसे रणनीतिक कामयाबी बताया, जिसमें इज़राइल को युद्धविराम के लिए झुकना पड़ा।

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पेज़ेशकियन ने जंग को “इज़राइल की बेपरवाही और भड़कावे” का नतीजा क़रार दिया, जो “कमज़ोर और बेबुनियाद बहानों” पर शुरू हुई। उन्होंने कहा, “दुनिया ने देखा कि ईरानी अवाम के हौसले ने मुल्क की ताकत को और बुलंद किया।” उन्होंने यह भी बताया कि जंग का वक़्त वही था जब ईरान बातचीत की मेज़ पर था, मगर इज़राइल ने नापाक हरकतों से हमला कर दिया।

शांति और भाईचारे का पैग़ाम

पेज़ेशकियन ने पड़ोसी मुल्कों और मुस्लिम भाइयों को खिताब करते हुए कहा, “हम शांति और भाईचारे में यक़ीन रखते हैं। ईरान की ताकत हमेशा अमन और अपने मुस्लिम भाइयों व ऐतिहासिक पड़ोसियों के साथ दोस्ती के लिए काम आएगी।” उन्होंने दुश्मनों की उन साज़िशों को नाकाम करने की बात कही, जो मुस्लिम उम्मत में फूट डालना चाहते हैं।

ईरान ने साफ़ किया कि उसका शांतिपूर्ण परमाणु प्रोग्राम किसी दबाव में नहीं रुकेगा। यह बयान हिंदुस्तानी मुसलमानों के दिलों में गूंज रहा है, जो ईरान को इस्लामी दुनिया की शान और ख़ुदमुख़्तारी का प्रतीक मानते हैं।

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युद्धविराम के बाद तनाव, इज़राइल के झूठे इल्ज़ाम

युद्धविराम के बावजूद इलाक़े में तनाव बरक़रार है। इज़राइली मीडिया ने इल्ज़ाम लगाया कि युद्धविराम के बाद ईरान ने दो मिसाइलें दागीं। मगर ईरानी सरकारी टेलीविज़न ने इन इल्ज़ामों को सिरे से ख़ारिज किया और इन्हें “जालसाज़ी” क़रार दिया। रूस के उप-विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव ने भी कहा कि इन इल्ज़ामों का कोई सबूत नहीं है।

फिर भी, इज़राइल के जंगी वज़ीर इसराइल काट्ज़ ने तहरेन पर “ज़ोरदार हमले” का हुक्म दिया। जवाब में, ईरान के ख़ातम अल-अनबिया हेडक्वार्टर ने ख़बरदार किया कि इज़राइल को अपनी हरकतों की “भारी क़ीमत” चुकानी पड़ेगी। हेडक्वार्टर ने बताया कि इज़राइल ने युद्धविराम तोड़ते हुए तीन दफ़ा ईरानी इलाक़ों पर हमले किए, जो सुबह 9 बजे तक चले।

पुनर्निर्माण और पीड़ितों की मदद का वादा

राष्ट्रपति पेज़ेशकियन ने ऐलान किया कि हुकूमत अब जंग के नुकसान की भरपाई और पीड़ितों की मदद पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि अपनी ताकत और कमज़ोरियों को परखकर मुल्क में जल्द ही आम ज़िंदगी बहाल की जाएगी। हिंदुस्तानी मुसलमान इस क़दम की तारीफ़ कर रहे हैं और ईरान की एकता को मिसाल मान रहे हैं।

हिंदुस्तानी मुसलमानों में जश्न का आलम

हिंदुस्तान के मुस्लिम समुदाय, ख़ासकर लखनऊ, हैदराबाद, दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों में, इस जीत को इस्लामी एकता और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ जज़्बे की मिसाल मान रहे हैं। एक्स प्लेटफॉर्म पर मुसलमानों ने ईरान की तारीफ़ में क़सीदे पढ़े और इसे “उम्मत की ताकत” क़रार दिया।

लखनऊ की एक मस्जिद में जश्न के जलसे में एक आलिम ने कहा, “ईरान ने साबित किया कि ईमान और एकता से कोई ताक़त नहीं हार सकती। यह हम सबके लिए इबरत है।” हैदराबाद में नौजवानों ने सोशल मीडिया पर ईरान के झंडे के साथ पोस्ट शेयर किए, जिसमें लिखा था, “शांति की जीत, इस्लाम की जीत।”

ईरान की इस जीत ने इलाक़ाई सियासत को हिलाकर रख दिया है और हिंदुस्तानी मुसलमानों के लिए यह गर्व का लम्हा है। पेज़ेशकियन का शांति और भाईचारे का पैग़ाम उम्मीद की किरण है, मगर इज़राइल के साथ तनाव चिंता का सबब है। जैसे-जैसे ईरान अपने मुल्क और अवाम की बेहतरी की तरफ़ बढ़ रहा है, हिंदुस्तानी मुसलमान इस जीत को न सिर्फ़ ईरान की, बल्कि तमाम मुस्लिम उम्मत की कामयाबी मान रहे हैं।

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