प्रयागराज महाकुंभ 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 की भव्य तैयारियों में जुटी हुई है, जो प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बनने जा रहा है। 14 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस महाकुंभ में 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो 2012 के महाकुंभ के 12 करोड़ श्रद्धालुओं से तीन गुना ज्यादा होगा।
महाकुंभ 2025 को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने 15 से अधिक विभागों और 500 से ज्यादा परियोजनाओं को जिम्मेदारी सौंपी है। इस महाकुंभ के आयोजन के लिए अनुमानित बजट 6,382 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें से 5,600 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं। 2012 के महाकुंभ में 12 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए थे, और इसका बजट 1,152 करोड़ रुपये था।
प्रयागराज महाकुंभ 2025
जल आपूर्ति के लिए लंबी पाइपलाइन
यूपी जल निगम ने 1,249 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू किया है ताकि मेले में पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, 200 वाटर एटीएम और 85 पानी पंप स्थापित करने की योजना भी बनाई गई है।
यातायात व्यवस्थाओं में बड़े बदलाव
राज्य सड़क विभाग ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए 7,000 बसों का संचालन करने का फैसला किया है, इसके अलावा 550 शटल बसें भी चलाई जाएंगी। प्रयागराज एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल और पार्किंग क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है ताकि हवाई यात्रा के बढ़ते दबाव को संभाला जा सके। भारतीय रेलवे भी विशेष तैयारियां कर रहा है, जिसमें प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर कई भाषाओं में घोषणाएं की जाएंगी, ताकि विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा हो।
सजावट और सौंदर्यीकरण पर जोर
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने महाकुंभ के आयोजन स्थल की दीवारों और इमारतों पर चित्रकारी का कार्य शुरू किया है, ताकि मेले की सुंदरता और आकर्षण बढ़ सके। महाकुंभ का आयोजन न केवल प्रयागराज, बल्कि बनारस, अयोध्या, मथुरा और विंध्यवासिनी धाम जैसे आसपास के क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा देगा।
रोजगार के अवसर
महाकुंभ 2025 से लगभग 45,000 परिवारों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित विभागों को सुविधाओं और सुरक्षा उपायों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि श्रद्धालु एक सुरक्षित और बेहतर अनुभव के साथ अपने घर लौट सकें। टूरिज्म विभाग ने मेला अवधि के दौरान टूर गाइड, नाविक, स्ट्रीट वेंडर और ड्राइवरों जैसी सेवाओं को कुशल बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं।
इसके अलावा, गूगल और महाकुंभ मेला प्राधिकरण के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत श्रद्धालु गूगल मैप्स पर अस्थायी टेंट सिटी, अखाड़ों, शिविरों और मंदिरों का मार्गदर्शन देख सकेंगे।
महाकुंभ 2025 राज्य सरकार के लिए एक बड़ा अवसर बनकर उभरेगा, जो उत्तर प्रदेश को एक समृद्ध सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पेश करेगा और श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा।