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कतर मध्यस्था से हुआ बाहर : गाजा में जंग रोकने की कोशिश को बड़ा झटका

गाजा में चल रहे कत्लेआम को रोकने की आखरी उम्मीद फिलहाल टूट गई है. इजरायल हमास के बीच जंगबंदी के लिये मध्यस्था कर रहे कतर ने बातचीत से खुद को बाहर कर लिया है.  

 कतर का कहना है कि दोनों पक्षों ने बातचीत और जंगबंदी को लेकर कोई इच्छा शक्ति और सचाई नहीं है।  दोनों पक्ष सीजफायर की डील की बातचीत को ही आधार बनाकर जंग जारी रखे हुये हैं ।

गौरतलब है कि कतर, अमेरिका और मिस्र के साथ मिलकर कई महीनों से एक समझौता बनाने की कोशिश कर रहा था पूर्ण जंगबंदी और क़ैदियों की रिहाई भी शामिल थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई।

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कूटनीतिक स्रोत ने कहा, “कतर ने इज़राइल और हमास दोनों को सूचित किया कि जब तक दोनों पक्ष बातचीत करने का इरादा नहीं दिखाएंगे, तब तक कतर मध्यस्थता नहीं कर सकता।” इसके बाद कतर ने हमास को बताया कि दोहा में उनका राजनीतिक कार्यालय अब अपना मकसद पूरा नहीं कर रहा है। हलांकी इसमें यह साफ नहीं है कि कतर ने हमास से कतर छोड़ने के लिये कहा है.

कतर का यह फैसला इज़राइल, हमास और अमेरिकी प्रशासन को आधिकारिक रूप से सूचित कर दिया गया है। हालांकि, कतर ने यह भी कहा है कि अगर दोनों पक्षों ने सचमुच बातचीत की नीयत दिखाई, तो वह मध्यस्थता में वापस आ सकते हैं।

हमास का जवाब

हमास के राजनीतिक दफ्तर ने यह कहा है कि कतर ने उन्हें देश छोड़ने के लिए कोई आदेश नहीं दिया। हमास के एक वरिष्ठ सदस्य ने रिया नोवोस्ती को बताया, “हमें कतर से ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है, और हम उस कूटनीतिक स्रोत द्वारा कही गई बातों की पुष्टि या खंडन नहीं कर सकते।”

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कतर के अमीर का बयान

कतर के अमीर, शेख तमीम बिन हमद अल थानी, ने अक्टूबर में कहा था कि इज़राइल जानबूझकर मध्य पूर्व में संघर्ष को बढ़ा रहा है, ताकि अपने पहले से तय योजनाओं को लागू किया जा सके। उन्होंने कहा था कि अगर इज़राइल गाज़ा पर अपने “नष्ट करने वाले युद्ध” को रोकता, तो लेबनान की सीमा पर संघर्ष को रोकना बहुत आसान होता। लेकिन इज़राइल ने जानबूझकर संघर्ष को बढ़ाया ताकि अपनी योजनाओं को पश्चिमी तट और लेबनान जैसे अन्य क्षेत्रों में लागू कर सके।

हमास का दृष्टिकोण

हमास के राजनीतिक दफ्तर के सदस्य इज़्ज़त अल-रिश्क ने भी कहा था कि इज़राइल का सीज़फायर प्रस्ताव सिर्फ एक धोखा है। उन्होंने कहा कि इसमें न तो हमलों को रोकने की बात है, न ही इज़राइल की सेनाओं की वापसी की, और न ही विस्थापित लोगों को उनके घर लौटाने का कोई उपाय है। अल-रिश्क ने कहा कि इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समय खरीदने के लिए वार्ता का सहारा ले रहे हैं ताकि वे अपनी हमला जारी रख सकें।

हमास ने यह भी कहा है कि वे किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, जो हमलों को रोकने और इज़राइल की सेनाओं को गाज़ा से बाहर निकालने का सुनिश्चित करे।

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