मुस्लिम मतदाताओं को बंदूक की नोक पर वोट डालने से रोका, सपा सांसद ने की चुनाव फिर कराने की मांग
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की 9 सीट पर हुए उपचुनाव में मतगणना 23 नवंबर को होनी है। इसके पहले ही उपचुनाव को रद्द करने की मांग उठी है। यह मांग मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी की ओर से की जा रही है। पहले मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से सपा उम्मीदवार ने उपचुनाव को रद्द कर दोबारा कराने की मांग की। अब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रो. रामगोपाल यादव ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर दोबारा उपचुनाव अर्धसैनिक बलों की निगरानी में कराने की मांग कर दी है। सपा सांसद ने आरोप लगाया कि मीरापुर, कुंदरकी और सीसामऊ में मुस्लिम मतदाताओं को बंदूक की नोक पर वोट डालने से रोका गया है।
दरअसल, यूपी की सभी 9 सीट पर 20 नवंबर को वोटिंग हुई। तभी कई जगहों पर बवाल देखने को मिला। सपा और बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग को कई शिकायतें भी की गई। वहीं, इन शिकायतों का संज्ञान लेकर चुनाव आयोग ने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। अब इन सभी के बीच उपचुनाव को रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है। सपा इस लेकर लगातार मांग कर रही है। इस संबंध में सपा सांसद प्रो. यादव ने पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने उपचुनाव को रद्द कर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है।
प्रो.यादव ने कहा कि बुधवार को उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए उपचुनाव सपा और बीजेपी के बीच में नहीं था। यह चुनाव सपा और संबंधित क्षेत्रों के जिला अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच था। उन्होंने कहा कि जिस तरह का नंगा नाच बुधवार को पुलिस ने उपचुनावों में खासकर मीरापुर, कुन्दरकी, सीसामऊ और कटहरी में किया है। यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।
प्रो. यादव ने कहा कि इन क्षेत्रों में प्रशासन ने मर्यादाओं की सारी सीमाएं पार कर दीं हैं।
सपा सांसद ने आरोप लगाया कि मीरापुर, कुंदरकी और सीसामऊ में मुस्लिम मतदाताओं को बंदूक की नोक पर मत डालने से रोका गया है। इसलिए, यह चुनाव रद्द कर दोबारा चुनाव अर्द्धसैनिक बलों की देखरेख में चुनाव कराया जाए । वहीं भारत निर्वाचन आयोग की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि सभी सीट पर मतदान शांतिपूर्वक सम्पन्न होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वोटिंग के दौरान जिस स्थान से शिकायत मिली, वहां तत्काल ईवीएम और वीवीपैट को बदलने की कार्यवाही की गई है। साथ ही, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से मिली शिकायत के आधार पर 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।