संभल में आज क्या हुआ.. ? जामा मस्जिद सर्वे के दौरान बवाल, तीन नौजवानों की मौत, गिरफ्तारियों का दौर जारी, हालात कंट्रोल में

संभल में आज क्या हुआ : रविवार सुबह करीब छह बजे संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ एक सर्वे टीम संभल जामा मस्जिद पहुंची। इस दौरान कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ। जैसे ही मस्जिद पर सर्वे की जानकारी स्थानीय लोगों को मिली, मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर जमा हो गए। मुस्लिम समाज के लोगों ने सुबह-सुबह छुट्टी के दिन सर्वे पर आपत्ति जताई। जल्द ही मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और लोगों ने सर्वे रोकने का प्रयास किया। जहां से न थमने वाला बवाल शुरु हुआ. जिसमें तीन नौजवानों की मौत हुई, कई पुलिस वालों के साथ आधा सैंकड़ां लोग घायल हुये. फिलहाल संभल में तनावपूर्ण शांति है.

नोमान, बिलाल, नईम की मौत
मुरादाबाद के कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने संभल हिंसा में 3 युवकों की मौत की पुष्टि की है। मरने वालों में सरायतरीन का नोमान, हयातनगर का बिलाल और कोट गर्वी का नईम शामिल है। वहीं, घायल अनीस और अयान को मुरादाबाद जिला अस्पताल लाया गया है। ऑन्जनेय सिंह संभल में ही कैंप किए हुए हैं। हिंसा के बाद मुरादाबाद से अतिरिक्त पीएसी को संभल रवाना किया गया है। मुरादाबाद में पीएसी की तीन बटालियन है।
मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई गई
पथराव और हंगामे के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। प्रशासन ने जामा मस्जिद के चारों ओर बैरिकेडिंग कर इलाके को सील कर दिया है। मौके पर डीएम, एसपी और एडीएम समेत जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं। आसपास के थानों से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है।
ढाई घंटे तक चला सर्वे का काम
पत्थरबाजी होने के बाद हालात को संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और सर्वे टीम को किसी अन्य रास्ते से बाहर निकाला गया। साढ़े सात बजे से लेकर दस बजे तक चले इस सर्वे के बाद एडवोकेट कमिश्नर का सर्वे पूरा हो गया। पूरे सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई गई है। अब इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर 29 नवबंर को अपनी रिपोर्ट देंगे।
गिरफ्तारियां जारी, हालात नियंत्रण में
मोरादाबाद के डिवीजनल कमिश्नर आउञ्जनेय कुमार सिंह ने कहा, “कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। महिलाएं छत से पत्थर फेंक रही थीं। अब तक तीन लोग, नैम, बिलाल और निमान की मौत हो गई है। 20 से 22 पुलिसकर्मी, जिसमें सीओ भी शामिल हैं, घायल हुए हैं।” पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब तक 16 लोग हिरासत में लिए गए हैं और पूरे इलाके को पुलिस ने घेर लिया है। ड्रोन के माध्यम से प्रदर्शनकारियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “स्थिति नियंत्रण में है और जिले के शीर्ष अधिकारी मामले पर नजर बनाए हुए हैं।”
आरोप सोची समझी साजिश
समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जानबूझकर सर्वे टीम को भेजा ताकि उपचुनाव में हुए धांधली के मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके। “भाजपा और सरकार ने इस हिंसा को उकसाया ताकि उपचुनाव में हुई धांधली पर चर्चा न हो,” यादव ने लखनऊ में कहा।
कांग्रेस पार्टी ने भी इस हिंसा को उत्तर प्रदेश सरकार की असंवैधानिक नीति का परिणाम बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शहनवाज आलम ने कहा, “यह घटना यूपी सरकार की असंवैधानिक नीति का नतीजा है। यह पूरी घटना 1991 के धार्मिक स्थल अधिनियम को कमजोर करने के लिए रची जा रही है।”
आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और स्थानीय खुफिया इकाई की विफलता को उजागर करती है। पुलिस का यह रवैया और ‘मामूली बल प्रयोग’ कहना पीड़ित परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।”
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और जिले के सभी उच्च अधिकारी घटनास्थल पर हैं। पुलिस का दावा है कि हिंसा की शुरुआत उस समय हुई जब कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी।
सम्भल में यह हिंसा एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है और सभी राजनीतिक दलों द्वारा इसकी कड़ी निंदा की जा रही है। पुलिस ने पूरे इलाके को किले जैसा घेर लिया है और अब स्थिति शांतिपूर्वक बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।