
नई दिल्ली — दिल्ली दंगों की साज़िश के आरोप में बंद छात्र कार्यकर्ताओं उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज, सोमवार 27 अक्टूबर, को सुनवाई होने जा रही है।
इस मामले में दो अन्य आरोपियों — गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर — की जमानत अर्जी पर भी इसी बेंच में सुनवाई तय है।
सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ के समक्ष होगी।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले 22 सितंबर को दिल्ली पुलिस से इस मामले पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
⚖️ दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत क्यों ठुकराई थी
इन चारों कार्यकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फ़ैसले को चुनौती दी है जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि
“विरोध प्रदर्शन नागरिकों का अधिकार है, लेकिन इसे हिंसा और षड्यंत्रकारी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।”
अदालत ने माना कि इस केस में “संगठित साज़िश के संकेत” दिखाई देते हैं, इसलिए जमानत देना उचित नहीं होगा।
यह आदेश 2 सितंबर को जारी किया गया था।
🔍 कौन-कौन हैं आरोपी
इस केस में शामिल नामों में —
उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, अथर खान, मोहम्मद सलीम खान, अब्दुल खालिद सैफी, और शादाब अहमद शामिल हैं।
एक अन्य आरोपी तस्लीम अहमद की जमानत अर्जी भी दूसरी बेंच ने इसी दिन खारिज की थी।
🕯️ क्या है पूरा मामला
फरवरी 2020 में हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
दिल्ली पुलिस का आरोप है कि
सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों की आड़ में
“सुनियोजित हिंसा” की साज़िश रची गई थी।
पुलिस ने इस केस में आरोपियों के ख़िलाफ़
यूएपीए (ग़ैरक़ानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम)
और आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
📅 आज की सुनवाई अहम क्यों है
क़रीब पाँच साल बाद भी ट्रायल शुरू नहीं हुआ,
और कार्यकर्ता लगातार कह रहे हैं कि
उन पर लगाए गए आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट की ये सुनवाई तय करेगी कि
क्या उन्हें मुक़दमे की कार्यवाही पूरी होने तक
ज़मानत पर रिहा किया जाएगा या नहीं।



