
संभल जामा मस्जिद के मामले में कोर्ट केस पर चर्चा अभी पूरी तरह थमी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश के बदायूं स्थित जामा मस्जिद को लेकर एक नया मामला सामने आया है। हिंदू पक्ष ने मस्जिद की जगह पर नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है, जिसके बाद शनिवार को स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बहस के लिए बुलाया। साथ ही, आज हिंदू पक्ष के वकीलों को भी इस मामले में बहस के लिए आमंत्रित किया गया था।
गौरतलब है कि हिंदू पक्ष ने वर्ष 2022 में मस्जिद की जगह पर मंदिर होने का दावा प्रस्तुत किया था, जिसके बाद से यह मामला चर्चा में है और कोर्ट में सुनवाई जारी है।
बदायूं की जामा मस्जिद के स्थान पर स्थानीय हिंदू नेताओं ने महादेव मंदिर होने का दावा किया था। इसके बाद, हिंदू महासभा के अधिवक्ता ने नीलकंठ महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की अनुमति के लिए एक याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई चल रही है। सरकारी वकील की बहस पूरी हो चुकी है, जबकि मुस्लिम पक्ष की बहस अभी अधूरी है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी, जहां मुस्लिम पक्ष अपनी पूरी बहस के बाद हिंदू महासभा का जवाब प्रस्तुत करेगा।
इस पूरे मामले पर इंतजामिया कमेटी के वकील अनवर आलम ने अदालत में यह तर्क रखा कि जामा मस्जिद में कभी कोई मंदिर नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि हिंदू महासभा को इस मामले में वाद दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। मस्जिद कमेटी के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि जामा मस्जिद साढ़े आठ सौ साल पुरानी है, और यह कहना कि मस्जिद को तोड़कर मंदिर बनाया गया था, पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है।