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भारत का पहला हाइपरलूप प्रोजेक्ट: मुंबई-पुणे की यात्रा अब सिर्फ आधे घंटे में

मुंबई। मुंबई और पुणे के बीच यात्रा अब और तेज, आरामदायक और सुरक्षित होगी, क्योंकि इन दोनों महानगरों के बीच भारत का पहला हाइपरलूप प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना 2029 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगी और यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी। हाइपरलूप प्रणाली के तहत मुंबई-पुणे की दूरी महज 25 मिनट में तय की जा सकेगी। इस परिवहन प्रणाली को लेकर यह कहा जा रहा है कि यह मौजूदा परिवहन साधनों से कहीं अधिक सुरक्षित होगी।

इस प्रोजेक्ट के तहत पुणे में क्विंट्रांस हाइपरलूप के तकनीकी विकास पर काम चल रहा है। इसमें कंक्रीट ट्यूब, मोटर ऑटोमेशन और मैग्नेटिक लेविटेशन मॉड्यूल जैसी नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। पहले चरण में एक छोटा हाइपरलूप कार्गो ट्रैक 2029 में लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद, जब कार्गो ट्रैक सही तरीके से काम करने लगेगा, तो यात्री भी इस हाइपरलूप का उपयोग कर सकेंगे।

इस हाइपरलूप प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद, मुंबई-पुणे का सफर अब महज आधे घंटे से भी कम समय में पूरा किया जा सकेगा। इस यात्रा के लिए अनुमानित खर्च 1,000 से 1,500 रुपये होगा, जबकि हवाई यात्रा का खर्च करीब 3,000 रुपये होता है। वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा करने पर भी 750 रुपये का टिकट लगता है। इस तरह, हाइपरलूप प्रोजेक्ट के बाद मुंबई-पुणे यात्रा का खर्च कम होगा और यात्रा का समय भी घट जाएगा।

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हाइपरलूप प्रोजेक्ट क्या है?

हाइपरलूप एक अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली है, जिसमें एक वैक्यूम ट्यूब में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लेविटेटिंग पॉड्स होते हैं, जो विद्युत चुम्बकीय बल के जरिए चलते हैं। यह नया परिवहन तरीका समय बचाने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है।

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