
Girls Education in India – भारत में महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है, खासकर उच्च शिक्षा में। पिछले दस वर्षों में महिला छात्रों की उच्च शिक्षा में भागीदारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2014 से 2023 तक के दौरान महिला नामांकन में 38.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, और यह संख्या 2.18 करोड़ तक पहुंच गई है। इसमें साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमैटिक्स (STEM) क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का भी योगदान है, जो लगभग 23 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
कांग्रेस-प्रणीत संप्रग शासन के मुकाबले वृद्धि
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इन आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया है, जिसमें कांग्रेस-प्रणीत संप्रग सरकार के शासनकाल (2014 से पहले) को लेकर एक महत्वपूर्ण अंतर सामने आया है। संप्रग सरकार के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला छात्रों का नामांकन 1.57 करोड़ था, जबकि राजग सरकार के तहत यह आंकड़ा 2.18 करोड़ तक पहुंच गया। इस प्रकार, दस वर्षों में महिला उच्च शिक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
कुल नामांकन 4.46 करोड़ तक पहुंचा
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 से लेकर 2022-23 तक देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल नामांकन में 30.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अब यह आंकड़ा 4.46 करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि 2014 से पहले यह संख्या 3.42 करोड़ थी। इस वृद्धि का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकन के साथ-साथ संस्थानों की संख्या में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
कॉलेज और विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि
2014-15 तक भारत में कुल 51,534 कॉलेज और विश्वविद्यालय थे, जो अब 2022-23 में बढ़कर 58,643 हो गए हैं। यह लगभग 13.8 प्रतिशत का इजाफा है। इसी अवधि में कॉलेजों की संख्या 38,498 से बढ़कर 46,624 और विश्वविद्यालयों की संख्या 760 से बढ़कर 1,213 हो गई है। इस वृद्धि को मंत्रालय ने एक दशक में विश्वविद्यालयों की संख्या में 59.6 प्रतिशत और कॉलेजों की संख्या में 21.1 प्रतिशत वृद्धि माना है।
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारतीय संस्थानों का सुधार
इसके अलावा, भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों की अंतरराष्ट्रीय पहचान भी तेजी से बढ़ी है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 2015 में भारत के केवल 11 संस्थान थे, जो अब बढ़कर 46 हो गए हैं। शिक्षा मंत्रालय ने इसे 318 प्रतिशत की वृद्धि करार दिया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-बी) बॉम्बे ने इस रैंकिंग में शानदार सुधार किया है और अब यह 118वें स्थान पर आ चुका है, जबकि पहले यह 149वें स्थान पर था।
इस प्रकार, पिछले दशक में भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में महिलाओं के लिए नई संभावनाओं और अवसरों का द्वार खुला है। सरकार की नीतियों और प्रयासों ने इस वृद्धि को संभव बनाया है, और यह भारत में शिक्षा के स्तर को और अधिक समृद्ध और समावेशी बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।