
चंडीगढ़: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो पिछले 42 दिनों से अनशन पर हैं, उनकी सेहत में गंभीर गिरावट आई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति ने डल्लेवाल से मुलाकात की, लेकिन इस दौरान डल्लेवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके लिए किसान उनकी जान से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “मेरी प्राथमिकता कृषि सुधार है, और मेरे लिए स्वास्थ्य और जीवन बाद की बात हैं।”
डल्लेवाल ने अस्पताल जाकर चिकित्सा सुविधा लेने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान देती है, तो उन्हें अपनी जान जोखिम में डालने की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह किसानों के मुद्दों का समाधान निकाले।
सुप्रीम कोर्ट की समिति में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज जस्टिस नवाब सिंह, पूर्व डीजीपी बीएस संधू, अर्थशास्त्री बीएस घुम, कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा और पंजाब किसान आयोग के चेयरपर्सन सुखपाल सिंह शामिल हैं।
समीति के सदस्य दोपहर 3:15 बजे खनौरी बॉर्डर पहुंचे, लेकिन डल्लेवाल से केवल 10 मिनट तक बात कर सके। एक किसान ने जस्टिस नवाब सिंह से अपील की कि उन्हें जल्दी से राजी किया जाए, अन्यथा वे अपना नेता खो देंगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस मुद्दे पर सुनवाई हुई, और जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने उम्मीद जताई कि जल्द ही कोई समाधान निकलेगा।
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के कारण समिति के सदस्य उनसे मिलने के बाद वापस लौटे, जबकि डल्लेवाल ने अपना अनशन जारी रखने और चिकित्सा सहायता से इंकार किया।
डल्लेवाल की सेहत में लगातार गिरावट
सोमवार शाम को डल्लेवाल की सेहत और बिगड़ी, उनका रक्तचाप गिरकर 80/56 तक पहुंच गया। डॉ. अवतार सिंह ने कहा कि उनकी हालत चिंताजनक है, हालांकि चिकित्सकों ने उनका रक्तचाप सामान्य करने के लिए उनके पैरों को ऊंचा किया, जिसके बाद थोड़ी राहत मिली। डल्लेवाल की स्थिति में उतार-चढ़ाव जारी है, और उनके लिए चिंता जताई जा रही है।