
यूजीसी ने विश्वविघालयो व महाविघालयो के सबंध मे शिक्षण योग्यता को संशोधित करने के लिए नवीन ड्राफ्ट नियम जारी किए है ये नियम 2018 मे बने नियमो की जगह लेंगे । साथ ही इस ड्राफ्ट पर अभ्यार्थियो को अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए 5 फरवरी 2025 तक का समय भी दिया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने उच्च शिक्षा संस्थानो मे भर्ती व प्रमोशन के सबंध मे यूजीसी की नवीन ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की है जिसके तहत अब असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती के लिए नेट परीक्षा पास करना जरुरी नही होंगा। बताते चले की वर्तमान मे इस पद के लिए यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीण करना अनिवार्य है। पर जारी ड्राफ्ट के नए नियमो के तहत अब पोस्टग्रेजुएशन मे 55 प्रतिशत अंक व उससे अधिक अंक प्राप्त डिग्री धारक सहायक प्रोफेसर पदो हेतु योग्य माने जाएंगे।
वही पोस्टग्रेजुएट के साथ साथ 75 प्रतिशत से अधिक अंक वाले अंडरग्रेजुएट डिग्री धारक भी अब असिस्टेंट प्रोफेसर के पद हेतु योग्य माने जाएंगे। साथ ही एक अन्य व्यवस्था इस प्रकार भी की गई है की NET SET पास करने वाले उम्मीदवार उन विषयो मे पढ़ा सकेंगे जो उनकी पिछली डिग्री से अलग है साथ ही यदि वह PHD है तो उनके PHD मे किए गए स्पेशलाइजेशन को प्राथमिकता दी जाएंगी।
वही इस नई गाईडलाइन पर अपनी बात रखते हुए यूजीसी चीफ एम जगदीश कुमार ने कहा की यह नियम नई शिक्षा नीति 2020 को ध्यान मे रखते हुए तैयार किए गए है जिससे की उच्च शिक्षा संस्थानों मे योग्य व श्रेष्ठ प्रतिभागीओ को अवसर मिल सकेंगा।
हालंकि इस ड्राफ्ट पर अभ्यार्थियो को अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए 5 फरवरी 2025 तक का समय दिया गया है इस लिहाज से माना जा सकता है की प्राप्त प्रतिक्रियाओ के आधार पर इस मे कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकते है।