गाजा में 65 फीसद मकान और 80 फीसद अस्पताल पूरी तरह तबाह

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में.. बशीर बद्र साहब का यह शेर आज गाजा में हकीकत बनकर सामने आ रहा है। जहां जिंदगी लगाकर बनाए गये घर, मिनटों में आंख के सामने तबाह और बर्बाद हो रहे हैं। गाजा में स्कूल, अस्पताल, मकान, बिजली घर, पानी सप्लाई या तो पूरी तरह तबाह हो चुकी ही या आंशिक रूप से तबाह हैं।
इजरायल द्वारा गाजा में जारी बमबारी में हुये नुकसान की कल रिपोर्ट जारी की गई। यह रिपोर्ट यूरोपी संघ के सहयोग से बनाई गई है। जिसमें चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है की गाजा में 62 फीसदी घर या तो पूरी तरह तबाह हो चुके हैं, या आधे तबाह हुये हैं। गाजा की 45 फीसदी आबादी पूरी तरह और 35 फीसदी अस्थाई तौर पर बेघर हो चुकी है।
मंगलवार को जारी अंतरिम क्षति आकलन रिपोर्ट में कहा गया, ‘अक्टूबर 2023 से गाजा पट्टी में तबाही का स्तर चौकाने वाला हैं। जारी संघर्ष ने गाजा में लगभग 62 प्रतिशत घरों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया है। जिनकी संख्या दो लाख 90 हजार 820 हैं। जिसमें दस लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं।
इजरायली बमबारी में हुई तबाही में आवास की हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है। इसके अलावा पानी, हेल्थ और तालीम से जुड़ी इंप्रस्टक्चर 19 और उद्योग धंधो से जुड़ी इमारतों के नुकसान 09 प्रतिशत हैं। बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को करीब 800 मिलियन डालर का नुकसान हुआ है।
सबसे दर्दनाक यह है कि 84 प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई हैं, जो बची हैं उनका बिजली और पानी की कमी के कारण ठीक तरह से नहीं चल पा रही हैं।
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गाजा में कुल 6 लाख 25 हजार बच्चे स्कूल में है। जिनका तालीम पूरी तरह रुक गई है। शिक्षा के बुनियादी ढांचे को 341 मिलियन का नुकसान हुआ है। 56 स्कूल पूरी नष्ट हो चुके हैं और 219 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
इस पूरी तबाही में करीब 26 मिलियन टन मलबा और मलबा बचा हुआ है, जिसे हटाने में कई साल लगने का अनुमान है।
तबाही के आंकलन की रिपोर्ट यूरोपीय संघ के सहयोग से बनाई गई है, रिपोर्ट का आंकलन शुरुआती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जमीन पर उतरकर आंकलन होगा तो तबाही के यह आंकड़ों कई गुना बढ़ जाएंगे।