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Chanda Scam: गाजा के नाम पर पैसा लेकर, गोवा में हो रही अय्याशी

जंग के नाजुक हालात का, मजलूमों के लिए मौजूद जज्बात का फायदा उठाकर, हिन्दुस्तान में कुछ लोग उगाही का धंधा चला रहे हैं, आप सावधान रहें।

यमन सिरिया के रेफूजी कैंप की वीडियो दिखाकर, बच्चों को लंगर और गिफ्ट बांटने के वीडियो में फर्जी तरीके अपनी फोटो लगाकर, कुछ लोग आपको बेवकूफ बना रहे हैं।

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सावधान रहें…।

एक बात ध्यान रखें की गाजा पूरी तरह से सील है, वहां पर्सनल लेवल में कोई भी राशन, खानापीना भेजना फिलहाल असंभव है।

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इसलिये अगर कोई गाजा में मदद भेजने के नाम पर आपसे चंदा मांग रहा है। तो पहले पूरी जानकारी करें, कि कैसे और किस तरह से वो गाजा में मदद पहुंचाएगा, तब उसको पैसा दें।

वर्ना आप भी चंदा स्केम का शिकार बन जाएंगे। आपके पैसे पर गाजा में लंगर नहीं गोवा में अय्याशी होगी। इसलिये सावधान रहें। 

सोशल मीडिया पर हो रही उगाही…

फेसबुक इंस्टाग्राम और ट्विीटर आदि के जरिये एड चलाकर बड़े पैमान पर लोगों को बेवकूफ बनाने का खेल चल रहा है। सीरीया, यमन के रेफूजी राहत कैंप या वेस्ट बैंक के राहत कैंप के वीडियो अपलोड करके उसको गाजा का दिखाया जा रहा है। हद यह है कि उन राहत कैंप के वीडियो में AI और तकनीक का इस्तेमाल करके अपने बैनर और फोटो तक चिपकाए जा रहे हैं। जिससे लोगों जल्दी भरोसा करें। लोगों के ज़जबात से खिलवाड़ कर बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही है।

हैदराबाद में दर्ज हुई एफआईआर

हैदराबाद के प्रतिष्ठि अख्बार सियासत ने पुष्टि की है कि इसी तरह के एक मामले में कुछ दिनों पहले हैदराबाद यूथ करेज (एचवाईसी) नामक एक स्थानीय एनजीओ के प्रमुख सैयद अयूब पर धोखाधड़ी और सोशल मीडिया पर अवैध धन उगाही का मामला दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 420 के तहत दर्ज एफआईआर के अनुसार, कथित तौर पर पिछली धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल एनजीओ अब गाजा संकट का फायदा उठाने के लिए जांच के दायरे में है।

अय्यूब पर आरोप है कि उसने युद्धग्रस्त गाजा को सीधी मदद पहुंचाने का वादा और दावा करके बड़े पैमाने पर चंदा कलेक्ट किया। अय्यूब ने दावा किया कि वह पीड़ितों की सीधे सहायता के लिए गाजा की जा रहा है। उसने हैदराबाद हवाई अड्डे और बाद में मिस्र से तस्वीरें साझा करके लोगों को और यकीन दिलाया कि वह राहत सामाग्री के साथ गाजा जा रहा है।

शिकायत में बताया गया है कि अयूब के दावे असंभव हैं , क्योंकि जियोग्राफिक और राजनीतिक स्थिति में सड़क मार्ग से गाजा पहुंचना असंभव है। ईरान, तुर्की, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने सैन्य विमानों का उपयोग करके हवाई मार्ग से सहायता भेजने का विकल्प चुना है, वो भी नहीं पहुंच पाई।

इन तथ्यों के बावजूद, अयूब ने पैसा मांगना करना जारी रखा और हजारों, नेकदिल लोगों को यह भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सीधे गाजा पहुंचेगा। इस बीच, हैदराबाद में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हैदराबाद यूथ करेज (एचवाईसी) की कथित धोखाधड़ी गतिविधियों की निंदा की है। कई प्रमुख कार्यकर्ताओं ने व्यक्तिगत लाभ के लिए गाजा संकट के शोषण पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अपनी आलोचना व्यक्त की है।

गाजा में एंट्री का रास्ता क्या है…….

गौरतलब है कि गाजा पूरी तरह से सील है। वहां पहुंचना आज की तारीख में असंभव है। गाजा की जमीनी सीमा 95 प्रतिशत इजरायल से लगती है। जो लोहे की दीवारों से सील है। इस सीमा में सिर्फ एक क्रासिंग है, जिसे ईरेज क्रांसिग कहते हैं। इजरायल की इस क्रासिंग से इजरायल सैनिकों के अलावा कोई नहीं गुजर सकता है।

गाजा में जमीन से एंट्री का एकमात्र रास्ता इजिस्प राफा बार्डर

गाजा की जमीनी बार्डर थोड़ा सा हिस्सा मिस्त्र (Egypt) से लगता है। जो रफा क्रासिंग के जरिये जुड़ता है। यहां से सिर्फ यूएन और इजिप्ट के मित्र राष्ट्रों की राहत सामग्री को अंदर जाने की इजाजत है। वो भी तब जब इजरायल इजाजत दे। भारत ईरान कतर तुर्की आदि बड़े देशों की राहत समग्री रफा बार्डर पर महीनों से खड़ी है।

गाजा में कौन सी राहत एजेंसी कार्य कर रही  

गाजा के अंदर फिलहाल सिर्फ दो एजेन्सियां राहत कार्य कर रही हैं। पहली UNWRA, दूसरी रेड क्रिसेंट दोनों ही एजेंसिया पर्सनल किसी से फंड डोनेशन नहीं लेती हैं। दोनों ही एजेंसियां सीधे यूएन और देशों की सरकारों से मिलने वाले फंड पर चलती हैं।

गाजा की मदद हम कैसे कर सकते हैं

अब आखरी बात फिर भी यदि कोई हिन्दुस्तानी गाजा की माली मदद करना चाहे तो वो क्या करे।

कुछ दिन या महीने बाद हालात बन जाए वो अलग बात, लेकिन जब यह खबर लिखी जा रही है, तब ऐसा कोई रास्ता नहीं कि कोई भारतीय सीधे गाजा में माली मदद भेज सके।

दिल्ली के चानकपुरी में मौजूद फलस्तीन सरकार का दूतावास

फिर भी यदि कोई डोनेशन देना चाहे तो एक मात्र रास्ता यह है कि फलस्तीन के दिल्ली में मौजूद दूतावास में जाकर अपना डोनेशन दे सकता है। उसमें भी यह मदद सीधे गाजा पहुंचेगी, यह गारंटी नहीं है।

हां इस रास्ते से यह मामूली तसल्ली की जा सकती है कि आपका पैसा किसी रूप में फलस्तीन सरकार या फलस्तीनी नागरिक तक पहुंच जाएगा।

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