गरीब मजदूरों को मरा दिखाकर लूटने का खेल बेनकाब

हनुमानताल थाना क्षेत्र के मुस्लिम एरिया में रहने वालीं सैयदा रिजवाना रिजवी के पैर के नीचे से उस समय जमीन खिसक गई। जब उन्हें पता चला की सरकारी रिकार्ड में वो मर चुकी हैं। उनके कफन दफन के लिये सरकारी पैसा भी निकाला जा चुका है। उनके नाम पर मजदूर की मौत पर मिलने वाला सरकारी पैसा भी निकाला जा चुका है। सरकारी रिकॉर्ड में वो मर चुकीं हैं।
… कई दिन तो उन्हें समझ ही नहीं आया की उनके साथ हुआ क्या है, फिर वे हनुमानताल थाने पहुंचीं और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई।
जिसके बाद जांच शुरु हुई, तो पूरा एक स्केम निकलकर सामने आया।
“जिंदा इंसान को मुर्दा बनाकर उसकी मौत का पैसा खाने वाला गिरोह सामने आया है। यह गिरोह जबलपुर और ज्यादातर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के गरीब और कम पढ़े लोगों को शिकार बनाता था।”
मजदूरी कार्ड वगैरह बनाने के नाम पर दस्तावेज लेना। फिर उस दस्तावेज का इस्तेमाल करके उस इंसान को मरा साबित करना, फिर उसका फर्जी मृत्यू प्रमाण पत्र आदि बनवाकर। मरने के बाद मजदूरों को मिलने वाली सरकारी सहायता का पैसा निकालने का खेल यह गिरोह करता था।
बताया जाता है कि इस गिरोह ने करीब आधा सैंकड़ा जिंदा लोगों को मुर्दा बनाकर, उनके नाम से आने वाला पैसा खा लिया है।
इस शर्मनाक और खौफनाक खेल में पुलिस ने अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।

1 करोड़ से ज्यादा का खेल…….
जीवित लोगों का फर्जी मृत्युप्रमाण पत्र तैयार कर शासकीय सामाजिक सुरक्षा योजना में मिलने वाली अनुग्रह राशि का फर्जीवाड़ा करने वालें गिरोह का हनुमानताल पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार कर 40 फर्जी मृत्युप्रमाण पत्र जब्त किए हैं। वहीं 30 मामलें सामने आए है कि जिनके फर्जी मृत्युप्रमाण पत्र के जरिए एक करा़ेड का फर्जीवाड़ा किया गया है। जबलपुर में इस तरह के पहले फर्जीवाड़ा का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्ष्क आदित्य प्रताप सिंह ने पत्रकारों को बताया कि न्यू नेता कालोनी निवासी शेख शहजाद, आकिब रफीक, और सलमान उर्फ मोह.सद्दाम को इस फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पूछताछ के दौरान अब तक 1 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा हो सका हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हनुमानताल थाने में श्रीमति सैयदा रिजवाना रिजवी ने एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि वर्ष 2020 में शहजाद नाम का व्यक्ति की आनलाईन दुकान से मजदूरी कार्ड बनाकर शहजाद ने उससे कार्ड बनवानें के लिए उसके दस्तावेज 5 हजार रुपए, अधार कार्ड और परिवार के लोगों का आधार कार्ड, समग्र आईडी, फोटो मांगा था। कुछ दिन बाद उसकी जानकारी में आया कि आरोपी शहजाद मजदूरी कार्ड का गलत उपयोग कर सरकारी पैसा निकाल रहा है। उसने नगर निगम में जाकर अपने संदेह की पुष्टि की तो उसे पता चला कि उसके मजदूरी कार्ड से उसका ही मृत्युप्रमाण पत्र बनाकर पैसा निकाला गया।
इस मामलें की विवेचना पुलिस ने की तो आकिब रफीक के नाम से यूनियन बैंक के खाते में यह पेमेंट जाना पाया गया। आरोपी ने सामाजिक सुरक्षा के अतंर्गत दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि और ६ हजार रुपए की अंत्येष्टि राशि आरोपी शहजाद द्वारा धोखाधड़ी द्वारा ली गई। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी शेख शहजाद और आकिब रफीक के विरुद्ध 420, 467, 468, 471, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर मामला विवेचना में लिया है।
रिमांड पर खुलेंगे राज
पुलिस अधीक्षक के मुताबिक आरोपी मप्र भवन एवं निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल भोपाल द्वारा जारी कार्ड का उपयोग फर्जी दस्तावेज व फर्जी मृत्युप्रमाण पत्र, आधार कार्ड और बैंक खाते का उपयोग कर सरकारी रकम हड़प रहे थे। घटना की पूरी जांच पड़ताल के बाद आरोपी शेख शहजाद, आकिब रफीक, मो.सद्दाम उर्फ सलाम को गिरफ्तार किया जिनके कब्जे से 40 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जब्त किए गए है। तीनों से पूछताछ की जा रही हैं। अबतक की जांच में पुलिस को लगा है कि तीनों आरोपी 30 से अधिक जीवित व्यक्तियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिए 1 करोड़ का फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। आगे पूछताछ के लिए पुलिस आरोपियों को रिमांड पर ले रही है।
जीवित व्यक्ति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर शासकीय सहायता राशि का फर्जीवाडा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी हनुमानताल मानस दिवेदी, उप निरीक्षक सचिन वर्मा, उप निरीक्षक दुर्गेश मरावी, उप निरीक्षक रविंद्र डुडवा, प्रधान आरक्षक नितीन जोशी, वेदप्रकाश, अजय डबराल, आरक्षक अमित गौतम, जयकिशोर, निरंजन सिंह, सौरभ की सराहनीय भूमिका रही है।
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