Jabalpur

नासिक के तथाकथित संत रत्नागिरी के खिलाफ जबलपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा मुस्लिम समाज

पैगम्बर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पर नासिक के तथाकथित संत रामगिरी नामक व्यक्ति  की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से जबलपुर के तीन लाख मुसलमान आहत हैं।

इस दौरान जबलपुर मुस्लिम समाज के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में मुस्लिम नौजवान उपस्थित थे। पुलिस अधीक्षक ज्ञापन को तत्काल संबंधित विभाग पहुंचाने का आश्वासन दिया।

मुफती ए आजम मौलाना मुशाहिद रजा ने यहां कहा कि सस्ती लोकप्रीयता और घटिया राजनीतिक फायदे के लिये रत्नागिरी नाम के इंसान ने मोहसीने ए इंसानियत हमारे नबी हजरत  हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पर नाकाबिले बर्दाश्त टिप्पणी की है। जिसे देश का कोई भी शरीफ इंसान बर्दाश्त नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा महाराष्ट्र सरकार देश में नफरत पैâलाने की कोशिश करने वाले ऐसे इंसान पर कार्यवाही करने के बजाए, उसे संरक्षण देती हुई नजर आ रही है।

गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकते…

मौलाना इम्तियाजुल कादरी ने यहा कहा कि जिस तरह से लगातार इस्लाम और पैगम्बरे इस्लाम (सल्ल) की पाक जात को निशाना बनाया जा रहा है। वो अमन मोहब्बत और भाईचारे में यकीन रखने वाले हर इंसान के लिये चिंता की वजह होनी चाहिये। उन्होंने कहा किसी भी हाल में हम हमारे नबी (सल्ल.) की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमारी मांग है कि सरकार रत्नागिरी जैसे लोगों पर कार्यवाही करे।

क्रमवार तरीके से हो रहा सबकुछ

हाजी कदीर सोनी ने यहां कहा कि बीते कुछ सालों में क्रमवार तरीके से देश में नफरत को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। लगातार देश के किसी न किसी हिस्से में कोई कथित संत या नेता खड़ा होकर कभी मुसलमानों के कत्लेआम की बात करता है, कभी पैगम्बरे इस्लाम सल्ल की पाक जिंदगी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता है। लेकिन ऐसे लोगों पर कभी ठोस कार्यवाही नहीं होती।

मुस्लिम समाज कार्यवाही की मांग करता है

समाज सेवी पप्पू वसीम खान ने यहां कहा कि जबलपुर का तीन लाख मुस्लिम समाज राष्ट्रपति महोदय से यह मांग करता है कि उस कथित संत रत्नागिरी पर कार्यवाही की जाए। जिससे देश में अमन सलामती भाईचारे की फिजा बरकरार रहे और हिन्दू मुस्लिम एकता को तोड़ने का सपना देखने वालों के इरादे कमजोर हों।

यह रहे उपस्थित..

पुलिस अधीक्षक को दिये ज्ञापन के दौरान मौलाना चांद कादरी, मौलाना अब्दुल रहमान साहब , मौलाना अकबर मिशवाही साहब, सैय्यद ताहिर अली, गुड्डू नबी उस्मानी, सरदार अख्तर अंसारी, राजू लईक, शफीक हीरा, वकील अंसारी, अशरफ मंसूरी, तौफीक खान चंकी, शादाब अंसारी  ताहिर खान, यासीन खान, डाक्टर शमीम शाह , मुबारक अली कादरी, नवाज़ अंसारी, हसन खान  सहित बड़ी संख्या में धार्मिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और युवा मौजूद रहे।

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