
जबलपुर, मध्य प्रदेश — मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान के खिलाफ जनआक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में आज जबलपुर के रद्दी चौकी क्षेत्र में अल्पसंख्यक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ज़ोरदार प्रदर्शन करते हुए मंत्री विजय शाह का पुतला फूंका और उन्हें मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व अल्पसंख्यक कांग्रेस के नेता तौफ़ीक़ चंकी ने किया। उन्होंने बाज़ मीडिया के माध्यम से कहा कि विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को “पाकिस्तानियों की बहन” बताकर न सिर्फ़ भारतीय सेना का अपमान किया है, बल्कि सेना में सेवा देने वाली समस्त महिला अधिकारियों की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। तौफ़ीक़ ने कहा, “यह बयान देश की बेटियों के शौर्य और बलिदान का उपहास है। यह वही भाजपा है जो एक तरफ तिरंगा यात्रा निकालती है और दूसरी तरफ़ अपने मंत्रियों के माध्यम से सेना का अपमान करती है।”
ऑपरेशन सिंदूर की वीरांगना का अपमान
गौरतलब है कि कर्नल सोफिया कुरैशी हाल ही में चर्चा में आई थीं जब उन्होंने एक जटिल और साहसिक सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व किया था। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की आधुनिक रणनीतिक क्षमता और महिला सैन्य अधिकारियों की नेतृत्व कुशलता का प्रतीक माना गया। विजय शाह के कथित बयान को लेकर सोशल मीडिया से लेकर सियासी हलकों तक तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
भाजपा से बर्खास्तगी की मांग
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा नेतृत्व से मांग की कि वह विजय शाह को तुरंत मंत्रिमंडल से हटाए और सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी की और ‘देश की बेटी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ जैसे नारे लगाए।
इस पुतला दहन कार्यक्रम में कई सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें प्रमुख रूप से:
- मतीन अंसारी
- आज़म अली खान
- आसिफ इक़बाल
- शेख फारुख
- राहुल बघेल
- प्रेंस सलूजा
- मजहर उस्मानी
- रिज़वान कोटी
- एड. बहार अंसारी
- मुख्तार अली
- परवेज़ अख्तर
- लतीफ अंसारी
- अमीर पहलवान
- मो. अली
- नदीम राईन
- वाजिद, फिज्जू, जहूर खान, हाशिम खान, शम्मी खान, और सलमान आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
आगे की रणनीति
तौफ़ीक़ चंकी ने बाज़ मीडिया को बताया कि यदि मंत्री विजय शाह को जल्द बर्खास्त नहीं किया गया तो अल्पसंख्यक कांग्रेस पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगी और इस मुद्दे को विधानसभा तक ले जाया जाएगा।