अब्बास अंसारी को 2 साल की सज़ा, विधानसभा सदस्यता खतरे में

मऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से विधायक अब्बास अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दी गई भड़काऊ (hate speech) भाषण के मामले में 2 साल की जेल और 3000 रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई गई है। यह फैसला मऊ की MP-MLA कोर्ट ने आज 31 मई को सुनाया।
🔴 2022 में दी थी विवादित बयानबाज़ी
अब्बास अंसारी ने 2022 के चुनावों में मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था।
चुनाव प्रचार के दौरान मऊ शहर के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि
“चुनाव जीतने के बाद प्रशासन से हिसाब किया जाएगा।”
इस भाषण को लेकर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने सिटी थाने में FIR दर्ज कराई थी, जिसमें अब्बास अंसारी सहित अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया।
⚖️ कोर्ट का फैसला और सज़ा
यह केस एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रहा था। सुबह अब्बास अंसारी कोर्ट में पेश हुए। सुरक्षा के मद्देनज़र कोर्ट परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
सीजेएम के.पी. सिंह ने उन्हें दोषी करार देते हुए 2 साल की कैद और जुर्माना सुनाया।
साथ ही, मामले के सह-आरोपी मंसूर अंसारी को 6 महीने की सज़ा और 1000 रुपये जुर्माने की सज़ा दी गई।
📌 विधायक पद पर मंडराया खतरा
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर किसी विधायक या सांसद को 2 साल या उससे अधिक की सज़ा होती है, तो उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।
इस मामले में अब विधानसभा अध्यक्ष जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करेंगे जिसमें अब्बास अंसारी की सदस्यता रद्द किए जाने की पुष्टि की जाएगी।
🧾 क्या अब्बास अंसारी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे?
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का यह भी निर्देश है कि अगर दोषी जनप्रतिनिधि सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हैं और निर्णय उनके पक्ष में आता है, तो उनकी सदस्यता स्वतः बहाल हो जाती है।
अब अब्बास अंसारी के पास एक ही रास्ता बचता है – सुप्रीम कोर्ट में अपील। देखना होगा कि क्या उन्हें वहां से राहत मिलती है या नहीं।