
शनिवार को जबलपुर पुलिस लाव लश्कर के साथ नया मोहल्ला, रिपटा स्थित हाजी अब्दुल रज्जाक के घर कोर्ट के आडर के साथ सर्चिंग के लिये पहुंची। पुलिस उनके बेटे मोहम्मद सरफराज, भाई मोहम्मद महमूद और भतीजों को साथ लेकर आई थी। पुलिस ने घंटों तक सर्चिंग अभियान चलाया और दस्तावेज़ों व अन्य सामग्रियों की जांच की। पुलिस को इस अभियान में क्या मिला, इसकी कोई अधिकृत जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है। लेकिन बीते तीन दिनों की घटनाओं को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि .. पुलिस की कार्रवाई अब और तेज़ होगी।
गौरतलब है कि बीते दिनों सिवनी जिले के पेंच स्थित एक रिज़ॉर्ट में पारिवारिक विवाह समारोह के दौरान लंबे समय से जेल में बंद हाजी अब्दुल रज्जाक के बड़े बेटे मोहम्मद सरफराज, उनके भाई मोहम्मद महमूद और भतीजे मोहम्मद अजहर व मोहम्मद सज्जाद को गिरफ्तार किया गया था। चारों लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश कर चार दिन की रिमांड पर लिया। पुलिस रिमांड के दौरान चारों से पूछताछ कर रही है।

इसी जांच और पूछताछ के क्रम में शनिवार को पुलिस कोर्ट ऑर्डर के साथ नया मोहल्ला स्थित हाजी अब्दुल रज्जाक के मकान की तलाशी लेने पहुंची। इस दौरान ओमती सीएसपी के नेतृत्व में पांच थानों का बल मौजूद था।
जानकारी के अनुसार, चार दिन की रिमांड समाप्त होने के बाद सोमवार को पुलिस सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश करेगी, जहां रिमांड बढ़ाने का आवेदन भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस हाजी अब्दुल रज्जाक के बेटों जुड़े पुराने प्रकरणों की भी फाइलें दोबारा खोलने की तैयारी कर रही है।
पुलिस का कसता शिकंजा…
इस बीच, प्रशासन ने शुक्रवार को जबलपुर में संचालित “सुप्रा डायग्नोस्टिक” नामक जांच केंद्र को भी सील कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि सुप्रा डायग्नोस्टिक नियमों की अवहेलना करते हुए, अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा बिना किसी सर्टिफाइड डॉक्टर की मौजूदगी में संचालित हो रहा था। हालाँकि बहुत से लोग इस कार्रवाई को हाजी अब्दुल रज्जाक और उनके परिवार पर कसते पुलिस शिकंजे से जोड़कर भी देख रहे हैं। वहीं, बड़ा सवाल यह भी उठ रहा हैं कि अगर शहर के बीचों बीच इतने बड़े डायग्नोस्टिक सेंटर में इतनी बड़ी लापरवाही चल रही थी तो जिम्मेदार विभाग का अमला अब तक क्या कर रहा था? यदि सुप्रा डायग्नोस्टिक में इतना कुछ नियम विरुद्ध था की इसे सील करना पड़ा.. तो क्या सुप्रा डायग्नोस्टिक को एनओसी और अन्य लाइसेंस, सर्टिफिकेट जारी करने, रूटीन निरीक्षण कर क्लीन चिट आदि देने वाले स्वास्थ्य विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय (CMHO) और नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी ?