
जबलपुर: रविवार शाम जबलपुर के कठौंदा थोक पटाखा बाजार में अचानक भीषण आग लग गई। आग की लपटों और तेज धमाकों ने आसपास के इलाके में हड़कंप मचा दिया। यह घटना शाम करीब चार बजे की है, जब आग ने देखते ही देखते एक दुकान से फैलकर आसपास की पांच दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। पटाखों के बारूद से भरी दुकानों में तेज धमाके हुए और आग की लपटें बाहर तक फैल गईं।

आग लगने के बाद व्यापारी अपनी-अपनी दुकानों से सामान निकालने में जुट गए, लेकिन आग का तांडव बढ़ता गया। कुछ ही देर में फायर बिग्रेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और आग बुझाने की कोशिश शुरू की। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया। आग की वजह से पांच दुकानें पूरी तरह से नष्ट हो गईं और दुकानों के बाहर खड़े दर्जनभर दोपहिया वाहन जलकर खाक हो गए।
घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर दीपक सक्सेना मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन आग की वजह का पता लगाया जाएगा। इस दौरान लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, सांसद आशीष दुबे और विधायक डॉ. अभिलाष पांडे भी मौके पर पहुंचे और व्यापारियों से बातचीत की।

पटाखा बाजार तीन सेक्टरों में बंटा हुआ है और हर दुकान के बीच 6 फीट की दूरी है। जैसे ही दुकानदारों को आग की जानकारी मिली, वे तुरंत अपने परिवार के सदस्यों और परिचितों के साथ अपनी दुकानों से सामान निकालने लगे। कई व्यापारियों ने अपनी दुकान से पटाखे सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रयास किए।
आग सबसे पहले जायसवाल पटाखा दुकान में लगी थी, जिसके बाद यह आसपास की दुकानों तक फैल गई। इन दुकानों के बाहर खड़े दो पहिया वाहन भी जल गए, जिनमें बाइक और स्कूटी शामिल थीं। अनुमान के अनुसार, आग के कारण लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। कई व्यापारी और उनके परिवार के सदस्य नुकसान देखकर भावुक हो गए और अपने आंसू नहीं रोक पाए।

आग की खबर मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई और फायर बिग्रेड को घटना स्थल तक जाने के लिए भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस अधीक्षक और कई थानों के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और पांच दुकानों में नुकसान हुआ है।
आग लगने का कारण…
प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह बिजली का शार्ट सर्किट बताई जा रही है। इसके बाद बाजार क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को बंद कर दिया गया। घटना के दौरान अंधेरा होने के कारण दमकल कर्मियों को काम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। हालांकि, पटाखा दुकानों के बाहर रेत और अन्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया गया, जिसकी वजह से आग को फैलने से रोका जा सका।
जहां आग नहीं पहुंच पाई, वहां के दुकानदारों ने अपनी दुकानों के शटर बंद कर दिए और शटर के नीचे गीली रेत रखकर सुरक्षा के इंतजाम किए ताकि चिंगारी दुकान के भीतर न पहुंच सके।
यह घटना न केवल व्यापारियों के लिए भारी नुकसान लेकर आई, बल्कि पूरे इलाके में सुरक्षा के प्रति जागरूकता का भी संदेश देती है।