दावते इस्लामी इंडिया की जानिब से जबलपुर में शजरकारी मुहिम — हरियाली का पैग़ाम लेकर उतरे मदनी भाई

जबलपुर | आज के दौर में जहां पेड़ों की कटाई और बढ़ते प्रदूषण से इंसानी सेहत और मौसम दोनों पर बुरा असर हो रहा है, वहीं दावते इस्लामी इंडिया ने एक नायाब पहल करते हुए जबलपुर शहर में एक वृक्षारोपण (शजरकारी) अभियान शुरू किया।
इस मुहिम का मक़सद सिर्फ़ पौधे लगाना नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में पर्यावरण के तहफ़्फ़ुज़ (संरक्षण) की अहमियत को बैठाना था।
हाजी दिलशाद अत्तारी साहब ने बताया कि लोगों को न सिर्फ पौधे लगाने की दावत दी गई, बल्कि उन्हें इस बात का अहद भी कराया गया कि वो इन पौधों की परवरिश करेंगे, पानी देंगे, और जब तक वो दरख़्त (पेड़) न बन जाएं, उनका ख़याल रखेंगे।
मुफ़्त में तकसीम किए गए पौधे
इस नेक मुहिम के तहत आम जनता को मुफ़्त पौधे भी बांटे गए, ताकि लोग अपने घर, मोहल्ले और मस्जिदों के आस-पास हरियाली बढ़ा सकें। इस मौके पर बच्चों, नौजवानों और बुज़ुर्गों सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस मुबारक मुहिम में शरीक रहे बुज़ुर्ग और जिम्मेदार हज़रत:
- हाजी दिलशाद अत्तारी
- हाजी जावेद अत्तारी
- सैय्यद तहीर बापू
- सबीर अत्तारी
- हमीद अत्तारी
- मंज़ूर अत्तारी
- गुलाम गौश साहब
इन तमाम हज़रात ने भी अपने हाथों से पौधे लगाए और दूसरों को भी तशजीअ दी (प्रोत्साहित किया)।
कुदरत की नेमतों की हिफाज़त करना दीनी जिम्मेदारी
दावते इस्लामी के ज़िम्मेदारान ने कहा कि इस्लाम में भी पेड़ लगाने और कुदरत की नेमतों की हिफाज़त करने को बहुत सवाब का काम बताया गया है। एक दरख़्त सिर्फ़ साया या फल नहीं देता, बल्कि जानवरों, परिंदों और इंसानों — सबकी ज़रूरत पूरी करता है।
अवाम से अपील:
दावते इस्लामी की जानिब से आम लोगों से अपील की गई कि:
- हर घर एक पेड़ लगाए
- बच्चों को पेड़ की अहमियत बताए
- पौधों को सिर्फ़ लगाकर छोड़ न दें, उनका पूरा ख़याल रखें
- मस्जिदों, मदरसों, स्कूलों और मैदानों में शजरकारी को आम किया जाए
यह पहल सिर्फ़ पेड़ लगाने की नहीं, बल्कि एक बेहतर कल की बुनियाद रखने की है।