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Jabalpur Flyover । सपना हुआ सच । दमोहनाका मदन महल फ्लाई ओवर जनता को समर्पित

Jabalpur Flyover। जबलपुर। बरसों से ट्रैफिक जाम से जूझ रहे जबलपुरवासियों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। 1200 करोड़ रुपये की लागत से बना मदनमहल–दमोहनाका फ्लाईओवर अब शहर की नई पहचान बन गया है। करीब सात किलोमीटर लंबा यह फ्लाईओवर न सिर्फ मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा है, बल्कि इंजीनियरिंग की दृष्टि से भी एक अद्भुत उपलब्धि माना जा रहा है।

1200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार मदनमहल–दमोहनाका फ्लाईओवर का लोकार्पण केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला की उपस्थिति में किया। 4250 करोड़ रुपये की कुल 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लोकार्पण–शिलान्यास के बीच यह फ्लाईओवर कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण बना।

स्वागत और मंच की गरिमा

कार्यक्रम का आरंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा नितिन गडकरी का पुष्पगुच्छ, शॉल और रानी दुर्गावती की प्रतिमा भेंट कर अभिनंदन से हुआ। मंच पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, सांसद आशीष दुबे और महापौर जगत बहादुर सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

गडकरी बोले—‘सिर्फ पुल नहीं, जबलपुर की पहचान’

नितिन गडकरी ने फ्लाईओवर के लोकार्पण अवसर पर कहा—“यह पुल सिर्फ कंक्रीट और स्टील का ढांचा नहीं है, बल्कि जबलपुर की नई पहचान है। राकेश सिंह जी ने जब इसकी मांग रखी थी, तभी हमने तय किया था कि यहां के ट्रैफिक जाम को स्थायी समाधान मिलेगा। मुझे गर्व है कि देश में पहली बार सीआरएफ फंड से इतना बड़ा प्रोजेक्ट मंजूर कर इसे समय पर पूरा किया गया।

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मुख्यमंत्री ने बताया ऐतिहासिक दिन ….

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जबलपुर की धरती रानी दुर्गावती और जाबालि ऋषि की तपोभूमि है। यह फ्लाईओवर इस पावन नगरी की विकास यात्रा का मील का पत्थर है। उन्होंने कहा—“प्रधानमंत्री मोदी जी ने वादा किया था कि जनता आशीर्वाद देगी तो बदले में विकास देंगे। आज उसका प्रत्यक्ष उदाहरण जबलपुर में देखा जा सकता है।”

इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना …

करीब 7 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर में 192 मीटर का सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज शामिल है, जो इसे इंजीनियरिंग की दृष्टि से अद्वितीय बनाता है। इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग हुआ है, जिससे यह आने वाले दशकों तक यातायात का दबाव सह सकेगा।

जाम से मुक्ति, समय और ईंधन की बचत …

मदनमहल से दमोहनाका तक का यह फ्लाईओवर शहर के सबसे व्यस्त हिस्सों को जोड़ता है। इसके चालू होने से कटंगी रोड, मदनमहल और दमोह नाका इलाके के लोगों को घंटों जाम में फंसने से मुक्ति मिलेगी। ट्रैफिक सुगम होगा, समय और ईंधन की बचत होगी और औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच आसान होगी।

शहर का नया लैंडमार्क …

भव्य डिजाइन और आधुनिक लाइटिंग से सजा यह फ्लाईओवर अब शहर का नया लैंडमार्क बन गया है। दिन में इसकी लंबाई और ऊंचाई जहां लोगों का ध्यान खींचती है, वहीं रात को जगमगाता नज़ारा इसे ‘जबलपुर का सिग्नेचर ब्रिज’ बना देता है।

अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण–शिलान्यास ….

कार्यक्रम में फ्लाईओवर के साथ रीवा बाईपास चौड़ीकरण, मंडला–नैनपुर सड़क, कटनी बाईपास, नौरादेही टाइगर रिजर्व कॉरिडोर और जबलपुर–भोपाल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं का भी शिलान्यास–लोकार्पण हुआ। हालांकि भीड़ और जनप्रतिनिधियों के बीच सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा प्रदेश का यह सबसे बड़ा फ्लाईओवर।

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बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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