1500 सालाना जश्ने ईद मिलादुन्नबी ﷺ पर गुलामाने सरकार जहुरुल हसन खिदमते-ख़ल्क़ ग्रुप की इंसानी खिदमत

जबलपुर। जश्ने ईद मिलादुन्नबी ﷺ पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए रहमतों और बरकतों का दिन है। यह सिर्फ खुशियाँ मनाने का दिन नहीं, बल्कि इंसानियत, मोहब्बत और सेवा का पैग़ाम देने का दिन है। इसी सिलसिले में 1500 सालाना जश्ने ईद मिलादुन्नबी ﷺ के मुबारक मौके पर गुलामाने सरकार जहुरुल हसन खिदमते-ख़ल्क़ ग्रुप ने एक ऐसी मिसाल पेश की, जिसने सबके दिलों को छू लिया।
जिला अस्पताल में बंटा मोहब्बत का पैग़ाम
ग्रुप के जिम्मेदारान और नौजवानों ने जिला शासकीय अस्पताल पहुंचकर वहां भर्ती मरीजों को ताजे फल बांटे। किसी को सेब दिया गया, किसी को केला, किसी को संतरा – लेकिन सबसे बड़ी चीज जो मरीजों को दी गई, वह थी मोहब्बत और दिलासा। बीमार मरीजों और उनके परिजनों के चेहरों पर खुशी और सुकून झलक रहा था।
मौके पर कमेटी के अध्यक्ष यासिर सुलेमानी, संस्थापक साजिद अब्बासी, सचिव शेख इरफान सुलेमानी, मोहसिन सुलेमानी, निहाल मंसूरी, अबजैद मंसूरी, वसीम वारसी, अमान खान, मुजामिल, फैजान रज़ा, हसनैन रज़ा, अमान मंसूरी, मुजाहिद मंसूरी, अफजल रंगरेज, शहजाद मंसूरी, अनवर पठान और शहबाज़ नेता सहित बड़ी तादाद में नौजवान मौजूद थे।
“सरकार ﷺ का पैग़ाम ही इंसानियत की खिदमत है”
इस मौके पर ग्रुप के जिम्मेदारों ने कहा कि जश्ने ईद मिलादुन्नबी ﷺ हमें सिखाता है कि सिर्फ अपनी खुशियों तक सीमित न रहें, बल्कि जरूरतमंदों और कमजोरों की मदद करें। इसलिए इस दिन को हम सिर्फ सजावट से नहीं, बल्कि इंसानी खिदमत से सच्चे मायनों में रोशन करते हैं।
मरीजों की दुआएँ बनीं सबसे बड़ी नेमत
अस्पताल में मौजूद कई मरीजों ने इस पहल को देखकर खुशी का इज़हार किया और कहा कि यह तौहफा उनके लिए दवा से भी बढ़कर है। उनकी दुआएँ और मुस्कुराहट ही इस खिदमत की सबसे बड़ी नेमत बन गईं।
मोहब्बत और भाईचारे की ताज़ा हवा
गुलामाने सरकार जहुरुल हसन खिदमते-ख़ल्क़ ग्रुप ने अपने अमल से यह साबित कर दिया कि जश्ने ईद मिलादुन्नबी ﷺ सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि मोहब्बत, भाईचारे और इंसानियत का पैग़ाम है। अगर समाज का हर शख्स इस पैग़ाम को अपनाए तो नफ़रत और तंगदिली की जगह सिर्फ अमन और मोहब्बत होगी।