RDVV में हड़ताल ने रोकी पढ़ाई: 16 दिन से बंद यूनिवर्सिटी, फॉर्म से लेकर सर्टिफिकेट तक सब लटका

जबलपुर, (BAZ News Network)। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) में शैक्षणेत्तर कर्मचारियों की हड़ताल ने शैक्षणिक और प्रशासनिक कामकाज को पूरी तरह से ठप कर दिया है। लगातार चल रही इस हड़ताल का सबसे बड़ा खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
फॉर्म और प्रमाणपत्र का काम अटका
हड़ताल के कारण विश्वविद्यालय कार्यालयों में कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है। न तो प्रवेश और परीक्षा फॉर्म भरे जा रहे हैं, न ही अंकसूची और प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। परीक्षाओं से जुड़ी प्रक्रियाएं भी पूरी तरह से ठप हो गई हैं। कई विभागों में जमा आवेदन और लंबित फाइलें मेजों पर धूल खा रही हैं।

बाहर से आने वाले छात्र लौट रहे मायूस
दूर-दराज़ जिलों से आने वाले छात्रों की सबसे ज्यादा परेशानी बढ़ गई है। कई छात्र रोजाना विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन कोई कामकाज न होने से निराश होकर लौटना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय आने-जाने में उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है। कुछ छात्र लगातार कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई समाधान नहीं मिल रहा।
छात्रों का आक्रोश
लगातार हो रही परेशानी से छात्र नाराज़ हैं। उनका कहना है कि पढ़ाई के साथ-साथ प्रशासनिक और शैक्षणिक कामकाज भी उनके भविष्य से जुड़ा हुआ है। यदि यह कार्य लंबे समय तक बाधित रहा तो प्रवेश, परीक्षा और रोजगार संबंधी तैयारियों पर असर पड़ेगा। छात्रावासों में रहने वाले छात्रों ने भी अपनी समस्याएं सामने रखते हुए प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है।
हड़ताल स्थगन पर बढ़ा विवाद
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) में शैक्षणेत्तर कर्मचारियों की 16 दिनों से जारी हड़ताल स्थगन के फैसले ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। संघ अध्यक्ष वीरेंद्र पटेल द्वारा कुलगुरु कार्यालय में हड़ताल स्थगित करने की घोषणा के बाद कर्मचारी संघ दो हिस्सों में बंट गया। महासचिव राजेंद्र शुक्ल सहित 15 से अधिक पदाधिकारी अध्यक्ष के फैसले से नाराज़ होकर आमसभा बुला चुके हैं और हड़ताल जारी रखने का एलान कर दिया है।
प्रशासन का पक्ष
कुलगुरु प्रो. राजेश वर्मा ने कहा कि कर्मचारी संघ की मांगों पर शासन स्तर पर चर्चा चल रही है और प्रशासन पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कर्मचारियों और छात्रों से अपील की कि वे विश्वविद्यालय और विद्यार्थियों के हित में कार्य पर लौट आएं।
माहौल तनावपूर्ण
विश्वविद्यालय परिसर में फिलहाल हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। कर्मचारी संघ की फूट और छात्रों के आंदोलन में कूदने से शिक्षा कार्य और भी प्रभावित हो गया है। हजारों छात्र रोजमर्रा की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। अब सबकी निगाहें प्रशासन और संघ के बीच होने वाली संभावित वार्ता पर टिकी हैं।