
जबलपुर। भाजपा ने मुस्लिम समाज को साधने की दिशा में शनिवार 27 सितंबर को दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के माध्यम से बड़ा सम्मेलन आयोजित किया। इस आयोजन में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 700 मुस्लिम बुद्धिजीवी पहुंचे, जिनमें जबलपुर से भी समाज के कई सक्रिय चेहरे शामिल हुए।
जबलपुर से पहुंचे प्रमुख चेहरे
मुस्लिम समाज में प्रभावशाली समझे जाने वाले बुद्धिजीवी और समाजसेवी दिल्ली सम्मेलन में शामिल हुए। समीम बानो लंबे समय से महिला शिक्षा और सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं। भाजपा ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है कि वे जबलपुर के मुस्लिम समाज, खासकर महिलाओं और युवाओं के बीच संवाद स्थापित करें और पार्टी की योजनाओं से जोड़ें।
मुद्दों पर होगी पहल
जबलपुर से पहुंचे प्रतिनिधियों का कहना है कि सम्मेलन में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मूलभूत मुद्दों पर चर्चा हुई। खासतौर पर यह बात उठी कि मुस्लिम समाज के युवाओं को मुख्यधारा की नौकरियों और स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ने की आवश्यकता है। महिला प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखते हुए मुस्लिम समाज की बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की।

भाजपा की रणनीति में जबलपुर की अहमियत
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जबलपुर की मुस्लिम आबादी शहर की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाती है। यही कारण है कि सम्मेलन में जबलपुर से जुड़े प्रतिनिधियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा की योजना है कि मुस्लिम समाज में सक्रिय स्थानीय चेहरों के जरिए ही संगठन की पकड़ मजबूत की जाए।
इंद्रेश कुमार का संबोधन
सम्मेलन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम समाज की प्रगति के बिना देश की प्रगति अधूरी है। उन्होंने शिक्षा और रोजगार पर विशेष जोर देते हुए कहा कि भाजपा सरकार की योजनाओं का लाभ हर वर्ग तक पहुँचना चाहिए।
राष्ट्रीय संयोजक एसके मुद्दीन ने सम्मेलन को समुदाय की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। उन्होंने कहा, “यह विशाल सम्मेलन मुस्लिम समुदाय में आत्मविश्वास, सकारात्मकता और देशभक्ति की नई भावना का संचार करेगा। उन्होंने कहा यह समय है कि समुदाय प्रगतिशील सुधारों को अपनाए, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करे और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे। यहाँ हमारे विचार-विमर्श शैक्षिक सशक्तिकरण और भावी पीढ़ियों के उत्थान की नींव रखेंगे।”
राष्ट्रीय संयोजक एवं महिला विंग प्रभारी डॉ. शालिनी अली ने इस आयोजन की समावेशी प्रकृति पर जोर देते हुए कहा, “महिलाएं हर समाज की ताकत और रीढ़ होती हैं। यह सम्मेलन सुनिश्चित करेगा कि मुस्लिम महिलाओं की आवाज सुनी जाए और वे सामाजिक सुधार और निर्णय लेने में सबसे आगे हों। शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, अधिकारों से लेकर जिम्मेदारियों तक, महिलाएं एक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर समुदाय के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएंगी।”