राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने संयुक्त राष्ट्र में रखा भारत का पक्ष, जबलपुर के लिए गर्व का क्षण

जबलपुर के लिए गर्व का दिन है। राज्यसभा सांसद और सुप्रसिद्ध अधिवक्ता श्री विवेक तन्खा ने न्यू यार्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा की छठी समिति (Sixth Committee) में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य प्रस्तुत किया। अपने भाषण में श्री तन्खा ने कानून का शासन, न्याय और बहुपक्षवाद (Multilateralism) की अहमियत को पूरी दुनिया के सामने मजबूती से रखा और भारत की प्रतिबद्धताओं को स्पष्ट रूप से उजागर किया।
भारत की प्रतिबद्धता और कानून का शासन
श्री तन्खा ने महासभा में कहा कि कानून का शासन न केवल भारत की शासन व्यवस्था की नींव है, बल्कि यह वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारत ने 2024 में तीन नए कानून लागू किए हैं—
- भारतीय न्याय संहिता (IPC)
- भारतीय नागर सुरक्षा संहिता (CrPC)
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act)
इन सुधारों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को ज्यादा पारदर्शी, जन-केंद्रित और सुलभ बनाना है। तन्खा ने कहा कि इन कानूनों से न्याय तक पहुँच आसान हुई है और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी है।
उभरती चुनौतियों से निपटने के उपाय
श्री विवेक तन्खा ने भाषण में यह भी बताया कि भारत साइबर अपराध, ड्रोन और वर्चुअल करेंसी जैसी नई चुनौतियों से निपटने के लिए कानूनों को अपडेट कर रहा है। इसके अलावा विशेष ढांचा तैयार किया जा रहा है और एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाया जा रहा है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत रहे और भारत वैश्विक शांति में भी अपना योगदान दे सके।
बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
उन्होंने कहा कि आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में बहुपक्षवाद ही वैश्विक समस्याओं के समाधान का सबसे प्रभावी तरीका है। भारत अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों में सक्रिय रूप से भाग लेकर कानून के शासन और न्यायपूर्ण वैश्विक व्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है। तन्खा ने महासभा में यह भी जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय संधियों का समान और निष्पक्ष पालन राष्ट्रों के बीच विश्वास और सहयोग को मजबूत करता है।
जबलपुर का गौरव
जबलपुर की धरती से जुड़े विवेक तन्खा ने दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था, संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष मजबूती से रखा। यह शहर और मध्यप्रदेश के लिए गर्व का पल है कि उनका प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की आवाज़ बुलंद कर रहा है।