
जबलपुर, (ईएमएस) – नेपियर टाउन स्थित एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर हटाए जाने के बाद एक मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मामला बढ़ने पर पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा और दोनों पक्षों को समझाईश देनी पड़ी।
मृतक के रिश्तेदार पंकज ने बताया कि मंडला निवासी आशीष सिंधियां को 4 अप्रैल को अचानक तबियत बिगड़ने के बाद जबलपुर के आदित्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। आशीष का इलाज डॉ. पंकज असाटी की देखरेख में चल रहा था। लेकिन, बीती रात ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर निगम ने बिना किसी सूचना के आशीष का वेंटिलेटर निकाल दिया। परिजनों के अनुसार, डॉक्टर निगम ने इसे पाइप साफ करने के नाम पर किया, जिसके कारण मरीज की स्थिति बिगड़ी और अंततः उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने यह सवाल उठाया कि बिना डॉ. पंकज असाटी से सलाह किए और बिना उन्हें सूचित किए यह कदम क्यों उठाया गया। उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर की योग्यता पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि यदि वेंटिलेटर हटाने की आवश्यकता थी, तो अस्पताल को पहले मरीज के परिजनों को सूचित करना चाहिए था।
परिजनों का आरोप था कि जब उन्होंने डॉक्टर से इस बारे में सवाल किया, तो डॉक्टर निगम ने न सिर्फ उचित जवाब नहीं दिया, बल्कि उनके साथ अभद्रता भी की। इस घटना के बाद परिजनों में गुस्सा भड़क उठा और अस्पताल में हंगामा मच गया। आशीष की मौत के बाद अस्पताल में बढ़ते तनाव के मद्देनजर सूचना मिलते ही मदनमहल पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की और मामला शांत कराया।
घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, यह घटना अस्पताल के प्रबंधन और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है। मृतक के परिजनों ने यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि इस मामले की पूरी जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और इस घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन से भी जानकारी मांगी गई है। इस मामले में आगे की कार्रवाई पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की नजर बनी हुई