मध्य प्रदेश की टोल सड़कों की दुर्दशा: सबसे महंगा टोल और सबसे खराब हालत
सड़क की स्थिति और टोल वसूली
भोपाल। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा टोल नाके हैं, और यहां सबसे महंगा टोल भी वसूल किया जा रहा है। इसके बावजूद, राज्य की सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। हर टोल सड़क पर गड्ढों की भरमार है, और टोल नाके के ठेकेदारों की ओर से सड़कों की मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
राजनीतिक प्रभाव और प्रशासनिक चुप्पी
मध्य प्रदेश में अधिकांश टोल नाके राजनेताओं या उनके करीबी लोगों के हैं, जिसके कारण प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ है। वाहन चालकों को यहां लगभग ₹2 प्रति किलोमीटर टोल टैक्स चुकाना पड़ता है, लेकिन फिर भी सड़कों की हालत खस्ता है। कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर जाम और दुर्घटनाएं आम हो गई हैं, विशेषकर जब पशु सड़क पर बैठे रहते हैं।
निर्माण में देरी और सुरक्षा की चिंता
टोल नाकों पर वाहन चालकों से टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि संबंधित सड़कों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है। बारिश के मौसम में सड़कों का डामरीकरण संभव नहीं होता, जिसके कारण कई जगहों पर पैच वर्क किया जा रहा है। एनएचएआई के अधिकारियों और टोल ठेकेदारों की मिलीभगत से वाहन चालकों के साथ खुलेआम लूट जारी है।
गुजरात की तुलना में स्थिति
गुजरात के राजमार्गों की स्थिति मध्य प्रदेश की तुलना में बहुत बेहतर है, जहां टोल टैक्स भी कम है और यात्रा समय पर पूरी होती है। जैसे ही वाहन मध्य प्रदेश में प्रवेश करते हैं, सड़कों की हालत से असुविधा का अहसास हो जाता है।