मध्यप्रदेश में खुलेआम बांटी जा रही हैं फर्जी डिग्री, एनएसयूआई की यूजीसी में शिकायत
भोपाल । मध्यप्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों में लंबे समय से चल रहे फर्जीवाड़े का मामला अब दिल्ली तक पहुंच गया है। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन को शिकायत करते हुए कहा है कि प्रदेश में 53 निजी विश्वविद्यालयों में से 70 फीसदी नियमों के विरुद्ध संचालित हो रहे हैं।
फर्जी विश्वविद्यालयों की गंभीर स्थिति
मप्र निजी विनियामक आयोग ने 32 विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं को अमान्य करार देते हुए उन्हें तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे। रवि परमार ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में न तो नियमानुसार स्टाफ है और न ही उचित भवन। कई विश्वविद्यालय तो फर्जी पते पर संचालित हो रहे हैं, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड़ किया जा रहा है।
प्रवेश प्रक्रिया में अव्यवस्था
परमार ने आरोप लगाया कि कई फर्जी विश्वविद्यालयों में प्रवेश का कोई समय निर्धारित नहीं है। छात्र-छात्राओं को पूरे साल भर प्रवेश दिया जा रहा है और कुछ विश्वविद्यालयों में तो डिग्री बेचने का गोरखधंधा भी खुल्लम-खुल्ला चल रहा है।
कार्रवाई की मांग
रवि परमार ने मप्र के समस्त निजी विश्वविद्यालयों की जांच कर फर्जी विश्वविद्यालयों को बंद करने और कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब 32 विश्वविद्यालयों में योग्य कुलगुरू ही नहीं हैं, तो अन्य स्टाफ की योग्यता की कल्पना कैसे की जा सकती है