मध्यप्रदेश में मासूमों से बढ़ते अपराध के बाद पुलिस का बड़ा फैसला: 10 साल का रिकॉर्ड खंगालकर होगी जांच
भोपाल। मध्यप्रदेश में मासूम बच्चों से यौन शोषण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, डीजीपी सुधीर सक्सेना ने पुलिस अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। उन्होंने यौन शोषण के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही, पिछले 10 साल में किसी भी तरह के यौन शोषण के आरोपियों की जांच करने का आदेश भी दिया।
सघन जांच और निगरानी की योजना
डीजीपी सक्सेना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को यौन अपराधों की रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी थाना क्षेत्रों में पिछले 10 वर्षों में हुए यौन अपराधों में संलिप्त लोगों की सघन जांच और निगरानी की जाए। यदि आरोपी अपना स्थान छोड़कर अन्यत्र चला गया है, तो स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी दी जाए।
स्कूलों में सुरक्षा उपायों का पालन
स्कूलों में यौन शोषण के मामलों की रोकथाम के लिए, डीजीपी ने सभी स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइनों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए और स्कूल परिसर के आसपास निगरानी बढ़ाई जाए।
त्योहारों के दौरान महिला सुरक्षा का विशेष ध्यान
आने वाले त्योहारों को लेकर, विशेषकर नवरात्रि के समय गरबा स्थलों पर महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। गरबा स्थलों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ाने और ड्रोन कैमरों का उपयोग करने के लिए भी कहा गया है।
डीजीपी ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि गरबा समाप्ति के बाद भी पुलिस पेट्रोलिंग जारी रहे, ताकि सभी महिलाएं और बच्चे सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें। कानून-व्यवस्था को हर हाल में चाक-चौबंद रखना प्राथमिकता होगी।