मध्य प्रदेश कांग्रेस: विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने संगठन में जान फूंकने की बनाई रणनीति
मध्य प्रदेश कांग्रेस: विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में जान फूंकने के लिए पूरी तरह से जुट गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ी हताशा को दूर करने और चुनावी पराजय के बाद से निष्क्रिय हुए संगठन को सक्रिय करने के लिए कांग्रेस ने नए अभियानों की शुरुआत की है।
महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
किसानों की मांगों को लेकर पहले ही आंदोलन चला चुकी कांग्रेस अब महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ को जिम्मेदारी सौंपते हुए इस मुद्दे पर व्यापक अभियान शुरू किया गया है। कांग्रेस अब बड़े शहरों के बजाय ब्लाक और पंचायत स्तर पर प्रदर्शन करने की तैयारी में है ताकि पार्टी की बात आम जन तक पहुंच सके।
कांग्रेस का संगठन हुआ सक्रिय
लोकसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश कांग्रेस का संगठन निष्क्रिय हो गया था और कार्यकर्ताओं के पास कोई खास कार्यक्रम नहीं थे, जिससे हताशा बढ़ गई थी। इस स्थिति को बदलने और संगठन में नया जोश भरने के लिए राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न वर्गों की मांगों को लेकर आंदोलन और अभियान चलाए जाएंगे।
किसानों के समर्थन में ‘किसान न्याय यात्रा’
किसानों को सोयाबीन का समर्थन मूल्य छह हजार रुपये प्रति क्विंटल दिलाने के लिए कांग्रेस ने ‘किसान न्याय यात्रा’ की शुरुआत की है। यह यात्रा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित की जाएगी। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पहली बार इन आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। नवंबर में विधानसभा घेराव की भी तैयारी है।
विजयपुर विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां
वहीं, विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव को लेकर भी कांग्रेस ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। शुक्रवार को विजयपुर में किसान सभा का आयोजन किया गया, जिसमें खाद-बीज की समस्या को लेकर किसानों से संवाद किया गया। इस उपचुनाव को लेकर पार्टी ने व्यापक रणनीति तैयार की है।