
मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्ताफाबाद से AIMIM के प्रत्याशी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को शर्त के साथ कस्टडी पैराल दी। हालंकि दिल्ली पुलिस व्दारा पैराल के विरोध मे काफी तर्क दिए गए पर हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन को राहत देते हुए पैराल मंजूर कर ली। बताते चले की ताहिर दिल्ली दंगे मे मुख्य आरोपी है और फिलहाल जेंल मे बंद है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आगामी विधानसभा चुनाव मे नामांकन भरने के लिए ताहिर हुसैन को कस्टडी पैराल दी है। ताहिर की तरफ से उनका पक्ष वकील रेबेका जॉन ने रखा जिसमे उन्होने अंतरिम जमानत की अर्जी पेश की और कहा की विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन करना एक बढ़ी जटिल प्रकिया है जिसे 17 जनवरी तक पूर्ण करना है इस पर न्यायलय ने 14 जनवरी को हुई सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट मे बहस के दौरान कश्मीर से सांसद इंजीनियर राशिद व खटूर साहिब से सासंद अमृतपाल सिंह का भी जिक्र किया गया पर कोर्ट ने केस की गंभीरता को देखते हुए कहा की इस दंगे मे 59 लोगो ने अपनी जान गवाई थी जिसे नजरंअदाज नही किया जा सकता केवल इसलिए की ताहिर पहले निगम पार्षद रहे है इसपर ताहिर को अंतरिम जमानत का अधिकार नही दिया जा सकता। हालंकि कोर्ट ने ताहिर को नामाकंन के लिए शर्त के साथ कस्टडी पैराल देना तय किया।
वही ताहिर को मिली पैराल पर हाईकोर्ट ने शर्त तय की है की –
- वह नामांकन प्रकिया में संबंधित अधिकारियों को छोड़कर किसी भी व्यक्ति से बातचीत नही करेंगे,
- ताहिर किसी भी मोबाईल,लैंडलाईन,या इंटरनेट का उपयोग नही करेंगे,
- वह मीडिया को संबोधित नही करेंगे
- साथ ही नामांकन के दौरान उनके परिवार के सदस्य उपस्थित रह सकते है पर उन्हें नामांकन दाखिल करने की तस्वीरें खींचने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अनुमति नही होंगी।