इलाज के नाम पर मजाक बनी गोहलपुर सिविल डिस्पेंसरी
जबलपुर। सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर जिस तरह का मजाक गोहलपुर तलैया की सिविल डिस्पेंसरी में देखने को मिल रहा है, वो चौकाने वाला है। जर्जर भवन के अंदर अंधेरे कमरे में क्लिनिक चल रही है। बाहर सड़क पर तपती धूप में मरीजों को खड़ा किया जा रहा है। मासूम बच्चों को गोद में लिये यहां महिलाएं सड़क पर तपती धूप में खड़ी नजर आती हैं। आधूनिक इलाज तो दूर की बात, गरीब मरीजों को बैठाने के लिये एक सस्ते स्टूल तक का इंतजाम नहीं है।
हैरानी की बात यह है कि जिस जगह क्लिनिक है उसके चारों तरफ चार पांच पार्षद हैं, वहीं क्लिनिक के सामने से प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में कांगे्रस भाजपा एसडीपीआई मजलिस के नेता गुजरते हैं। लेकिन किसी को इन महिलाओं तकलीफ दिखाई नहीं देती। दिलचस्प है कि यही वो महिलाएं हैं जो घंटों पोलिंग बूथ की लाईन में लगकर पार्षद बनातीं हैं। यही वो महिलाएं हैं जो घंटो पोलिंग बूथ की लाईन में लगकर कांग्रेस का एकमात्र विधायक जिताती हैं। लेकिन इन महिलाओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
सड़क पर लगती लाईन……
मोमिन पुरा तलैया में मौजूद इस क्लिनिक में दवा के लिये बड़ी संख्या में महिलाएं एवं बुजुर्ग पहुंचते हैं। जिनमें अधिकांश मजदूर और गरीब परिवेश के होते हैं। कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से इन्हें सड़क पर धूप के नीचे खड़ा करवाया जाता है। सबसे दयनीय स्थिति उन छोटे बच्चों को लेकर आईं महिलाओं और बीमार बुजुर्गों की बनती है। जो तपते सूरज के नीचे खड़े होने को मजबूर हैं। आधुनिक इलाज तो दूर, हद यह है बैठने, छाओ और पानी तक का इंतेजाम नही है।
जर्जर हो चुका है भवन……
जिस जगह सिविल डिस्पेंसरी चल रही है, वह भवन बहुत जर्जर बताया जाता है। जिसके चलते हमेशा हादसे की संभावना बनी रहती है। छत का हिस्सा गिरना या पूरी छत गिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां क्लिनिक इतनी छोटी जगह में है कि यदि कभी हादसा हुआ तो खौफनाक स्थिति बन सकती है।